
शेयरपॉइंट सर्वर पर चीनी हैकर्स ने ही किया साइबर हमला, माइक्रोसॉफ्ट ने की पुष्टि
क्या है खबर?
माइक्रोसॉफ्ट ने पुष्टि की है कि शेयरपॉइंट सर्वर पर हुए साइबर हमले के पीछे चीनी हैकर्स का हाथ था। कंपनी के मुताबिक, इन हैकर्स ने उन सर्वरों को निशाना बनाया जो ऑन-प्रिमाइसेस सिस्टम पर चलते हैं, यानी कंपनियों द्वारा खुद के डाटा सेंटर में इस्तेमाल किए जाते हैं। हैकर्स ने कमजोरियों का फायदा उठाकर व्यापारिक डाटा चुराने की कोशिश की। हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सेवा इस हमले से सुरक्षित रही है।
समूह
इन खतरनाक समूहों पर शक जताया गया
माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि लिनन टाइफून, वायलेट टाइफून और स्टॉर्म-2603 नाम के 3 समूह इस हमले में शामिल हो सकते हैं। इनमें से 2 को चीनी सरकार का समर्थन प्राप्त बताया गया है। इन समूहों ने पहले भी सरकार, रक्षा और मानवाधिकार संगठनों पर हमले किए हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने तुरंत सुरक्षा अपडेट जारी किए हैं और कंपनियों से कहा है कि वे अपने सर्वर पर इन्हें जरूर इंस्टॉल करें, ताकि भविष्य के हमलों से बचा जा सके।
देश
संभावित पीड़ितों में कई देश और संगठन शामिल
गूगल क्लाउड की इकाई मैंडिएंट के अनुसार, इस साइबर हमले से दुनियाभर के कई संगठन प्रभावित हुए हैं। इनमें सरकारी संस्थाएं, सैन्य संगठन, थिंक टैंक और वित्तीय संस्थान शामिल हैं, जो शेयरपॉइंट का इस्तेमाल करते हैं। कुछ मामलों में हैकर्स ने क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित डाटा तक भी लगातार पहुंच बना ली। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला पैच रिलीज होने से पहले ही बड़े स्तर पर फैल गया था।
आशंका
भविष्य में और हमलों की आशंका
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि अभी जांच जारी है और अन्य हमलावर समूहों की पहचान पर भी काम हो रहा है। कंपनी ने आगाह किया कि जिन सिस्टमों पर अब तक सुरक्षा अपडेट इंस्टॉल नहीं किए गए हैं, वे आगे भी निशाना बन सकते हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, माइक्रोसॉफ्ट अपनी वेबसाइट पर और जानकारी साझा करता रहेगा। कंपनी ने सभी ग्राहकों से अपील की है कि वे सुरक्षा उपायों को जल्द से जल्द लागू करें।