कल से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र; 24 विधेयक किए जाएंगे पेश, राष्ट्रपति चुनाव होंगे
क्या है खबर?
कल यानि सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू होगा जो 12 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र के दौरान राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव होंगे।
इसके अलावा केंद्र सरकार 24 विधेयक पेश करेगी। इनमें छावनी विधेयक और बहु-राज्य सहकारी समितियां विधेयक भी शामिल हैं।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची में परिवर्तन करने के लिए दो संवैधानिक संशोधन विधेयक भी इसी सत्र में पेश किए जाएंगे।
अन्य विधेयक
ये विधेयक भी किए जाएंगे पेश
मानसून सत्र में पेश होने वाले अन्य विधेयकों में कॉफी (प्रमोशन और विकास) विधेयक, विशेष आर्थिक जोन (SEZ) अधिनियम में संशोधन के लिए उद्यम और सेवा हब विकास विधेयक, माल के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) (संशोधन) विधेयक, भंडारण ( विकास और विनियमन) (संशोधन) विधेयक और प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।
इसके अलावा आठ अन्य विधेयक पहले से ही दोनों सदनों में लंबित हैं और उन पर भी इस सत्र में चर्चा की जा सकती है।
राष्ट्रपति चुनाव
18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए होगी वोटिंग
संसद के इस सत्र में देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव भी किया जाएगा। 18 जुलाई को संसद के दोनों सदनों के अलावा देशभर की विधानसभाओं में राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग होगी। 21 जुलाई को नतीजे होंगे।
केद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा मैदान में उतरे हैं। मुर्मू का राष्ट्रपति बनना लगभग तय है।
उपराष्ट्रपति चुनाव
इसी सत्र में उपराष्ट्रपति का चुनाव भी होगा
इसी सत्र में देश के अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव भी किया जाएगा। 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनने के लिए वोटिंग होगी। राष्ट्रपति चुनाव के विपरीत उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट करेंगे।
सत्तारूढ़ NDA ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार घोषित किया है, वहीं विपक्ष ने अभी तक किसी के नाम का ऐलान नहीं किया है।
NDA के बहुमत को देखते हुए धनखड़ का उपराष्ट्रपति बनना लगभग तय है।
असंसदीय शब्द
न्यूजबाइट्स प्लस
संसद का मानसूत्र सत्र ऐसे समय पर शुरू होने जा रहा है जब असंसदीय शब्दों की नई सूची को लेकर विवाद हो रहा है।
नई सूची में जुमलाजीवी, बहरी सरकार, दोहरा चरित्र, दादागिरी, दंगा, तानाशाह, तानाशाही, भ्रष्ट, निकम्मा, नौटंकी, ढिंढोरा पीटना, धोखा देना, अक्षम और यौन शोषण जैसे आम बोलचाल के शब्द भी शामिल हैं।
विपक्ष ने इस सूची पर जबरदस्त आपत्ति जताई है और कहा है कि इससे सरकार की आलोचना करने की उसकी क्षमता कमजोर होगी।