NEET-UG मामला: विवादित प्रश्न पर उलझा मामला, सुप्रीम कोर्ट ने IIT दिल्ली से मांगा सही जवाब
राष्ट्रीय प्रवेश-सह पात्रता परीक्षा (NEET)-UG 2024 के पेपर लीक और अनियमितता से जुड़ी कुल 40 से अधिक याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दौरान लंबी बहस के बाद मामला विवादित प्रश्न पर टिक गया। ऐसे में कोर्ट ने सुनवाई को मंगलवार के लिए टालकर IIT दिल्ली को विवादित प्रश्न का सही उत्तर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए कोर्ट ने IIT दिल्ली से 3 विशेषज्ञों की कमेटी गठित करने को भी कहा है।
क्या है विवादित प्रश्न का मामला?
NEET के प्रश्न पत्र में क्रमांक 19 पर मौजूद विवादास्पद प्रश्न पर ग्रेस मार्क्स देने के विरोध में वकील ने कहा कि इस प्रश्न के कारण 44 छात्रों को पूरे अंक मिले हैं। परीक्षा में 4,20,774 छात्रों ने उस प्रश्न का विकल्प 2 (पुराने NCERT संस्करण का उत्तर) चुना, जबकि 9,28,379 ने विकल्प 4 (नए NCERT संस्करण का उत्तर) चुना है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि किसी भी उत्तर को सही मानने पर दोनों पक्षों को नुकसान होगा।
कोर्ट ने क्या दिया आदेश?
कोर्ट ने कहा, "विवादित प्रश्न के संबंध में IIT दिल्ली से विशेषज्ञों की राय मांगी जानी चाहिए। हम IIT दिल्ली के निदेशक से संबंधित विषय के 3 विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने का अनुरोध करते हैं। यह टीम सही विकल्प पर राय तैयार करेगी और मंगलवार दोपहर 12 बजे तक रजिस्ट्रार को राय भेजेगी।" कोर्ट ने प्रक्रिया को तेजी से शुरू करने के लिए रजिस्ट्रार जनरल को आदेश की जानकारी IIT दिल्ली के निदेशक देने को भी कहा है।
कोर्ट ने पूछे तीखे सवाल?
इससे पहले कोर्ट ने पेपर के व्यापक स्तर पर लीक होने या न होने के संबंध में सॉलिसिटर जनरल से कई तीखे सवाल पूछे। इसी तरह NTA द्वारा जारी शहर और केंद्र वार परिणाम में गंभीर अनियमितता मिलने पर भी सवाल किया। याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने कहा कि सीकर और राजकोट में उत्तीर्ण प्रतिशत सर्वाधिक रहा है। इसके अलावा कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पेपर के व्यापक स्तर पर लीक होने के अभी पुख्ता सुबूत नहीं मिले हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर NTA ने दोबारा जारी किया था परिणाम
इस मामले में 18 जुलाई को कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पेपर लीक की व्यापकता का पता लगाने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को सभी छात्रों का परिणाम 20 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक परीक्षा केंद्र और शहर के हिसाब से दोबारा वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद NTA ने परिणाम जारी कर दिया था। हालांकि, इसमें कथित रूप से पेपर लीक से लाभान्वित छात्रों का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहा।
सरकार ने स्थगित कर रखी है काउंसलिंग
इस पूरे विवाद के चलते सरकार ने 6 जुलाई से शुरू होने वाली NEET-UG काउंसलिंग को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया था। बड़ी बात यह है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी दो बार (11 जून और 20 जून) काउंसलिंग स्थगित करने की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसी तरह 8 जुलाई को दोबारा हुई सुनवाई में भी कोर्ट काउंसलिंग शुरू करने का निर्णय सरकार पर ही छोड़ दिया था।
CBI कर रही है मामले की जांच
बता दें कि सरकार ने पिछले महीने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी थी। उसके बाद 23 जून को CBI ने भारतीय दंड संहिता (IPC) धारा 420, 419, 409, 406, 201, 120B और PC एक्ट की धारा 13(2), 13(1) में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मामले में अब तक झारखंड के हजारीबाग में एक स्कूल के प्रधानाचार्य और उप-प्रधानाचार्य समेत 45 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और पूछताछ जारी है।
NEET-UG को लेकर क्या है पूरा विवाद?
NEET-UG परीक्षा 5 मई को हुई थी। उस दौरान 8 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए थे। परीक्षा वाले दिन पटना से जले हुए प्रश्न पत्र भी बरामद किए गए थे। जब परिणाम जारी हुआ तो उसमें रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने ऑल इंडिया रैंकिंग (AIR-1) हासिल की थी। सभी के 720 में से 720 अंक आए थे। इसके बाद पूरे देश में परीक्षा के निष्प्क्षता को लेकर हंगामा हो गया था। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में 38 याचिकाएं दायर की गई थीं।