संदेशखाली मामला: कलकत्ता हाई कोर्ट ने आरोपी शेख शाहजहां को CBI को सौंपने का आदेश दिया
क्या है खबर?
कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले के मुख्य आरोपी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता शेख शाहजहां को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश दिया।
उन्होंने बंगाल पुलिस को शाहजहां और मामले से जुड़े आवश्यक दस्तावेज सौंपने के लिए शाम 4.30 बजे तक का समय दिया।
बता दें कि शाहजहां को बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था।
चुनौती
ED और बंगाल सरकार ने दी थी एकल पीठ के फैसले को चुनौती
दरअसल, एकल पीठ ने 17 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों पर हमले की जांच CBI से कराने और राज्य पुलिस की एक संयुक्त विशेष जांच टीम (SIT) के गठन का आदेश दिया था।
ED और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए अलग-अलग अपीलें दायर कीं। इसी पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
ED ने केवल CBI और राज्य सरकार ने केवल बंगाल पुलिस से जांच करवाने की मांग की थी।
मांग
सरकार ने की आदेश पर 3 दिन के लिए रोक लगाने की मांग
बंगाल सरकार के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने आदेश पर 3 दिन के लिए रोक लगाने की मांग की, जिसे खंडपीठ ने अस्वीकार कर दिया।
बता दें कि शाहजहां की गिरफ्तारी के बाद उसे ED को सौंपने की बजाय राज्य सरकार ने मामले की जांच बशीरहाट पुलिस से लेकर CID को सौंप दी थी।
ED ने हाई कोर्ट का रुख कर मामले को CBI को सौंपने का आग्रह किया था।
बंगाल सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
पक्ष
ED ने कोर्ट में क्या तर्क दिया?
ED की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट मे दलील देते हुए राज्य पुलिस पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया था।
राजू ने बताया कि 5 जनवरी को ED पर हुए हमले की FIR के बाद जानबूझकर शेख को गिरफ्तार किया गया, जबकि पहले के मामलों में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
राजू ने दावा किया कि शाहजहां का मामला जानबूझकर CID को सौंपा गया, ताकि उसे CBI हिरासत में उसे न सौंपा जा सके।
जानकारी
राज्य सरकार ने क्या तर्क दिया?
राज्य की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने जांच ट्रांसफर करने के आग्रह का विरोध किया। उन्होंने शाहजहां की गिरफ्तारी को उचित ठहराने की कोशिश करते हुए कहा कि रोक केवल SIT के गठन पर है, इसलिए जांच को CID को ट्रांसफर किया गया।
मामला
क्या है मामला?
5 जनवरी को ED की टीम सुरक्षा बलों के साथ कथित राशन वितरण घोटाले की जांच करने के लिए शाहजहां शेख के आवास पर पहुंची थी। टीम के पहुंचते ही आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई और उन पर हमला कर दिया, जिसमें अधिकारी घायल हो गए थे।
इसके बाद से ही शाहजहां फरार था। इसके बाद स्थानीय महिलाओं ने शेख और उसके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न और जमीन कब्जाने का आरोप लगाया, जो बड़ा विवाद बन गया।