कश्मीर में हो रही हत्याओं पर सरकार का रवैया सख्त, आतंकरोधी विशेषज्ञों को घाटी भेजा गया
जम्मू-कश्मीर में हो रही आम नागरिकों की हत्या पर सरकार ने कड़ा रूख अपनाया है और शीर्ष आतंकरोधी विशेषज्ञों को घाटी में भेजा है। ये स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर पाकिस्तान समर्थित आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ अभियान चलाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को श्रीनगर में हुई दो हत्याओं के बाद एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। चार घंटे से लंबी चली बैठक में सुरक्षा से संबंधित कई फैसले लिए गए।
एक हफ्ते में कश्मीर में हो चुकी हैं सात हत्याएं
गुरुवार को आतंकियों ने श्रीनगर के ईदगाह संगम इलाके के एक सरकारी स्कूल में घुसकर महिला सहित दो शिक्षकों की हत्या कर दी थी। मृतकों में एक कश्मीरी पंडित और महिला सिख थी। इससे पहले मंगलवार को आतंकियों ने जाने-माने केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू (70), एक रेहड़ी लगाने वाला व्यवसायी और एक कैब ड्राइवर को गोली मारी थी। शनिवार को भी अज्ञात हमलावरों ने दो लोगों को गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
गृह मंत्री ने की स्थिति की समीक्षा
कश्मीर में हो रही हत्याओं के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा समर्थित द रजिस्टेंस फोर्स का नाम सामने आ रहा है। गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक कर हालात की समीक्षा की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों से अपने शीर्ष आतंकरोधी विशेषज्ञों को कश्मीर भेजने को कहा है। वहीं इंटेलीजेंस ब्यूरो में आतंकरोधी अभियानों के प्रमुख तपन डेका आज खुद हालत की समीक्षा करने के लिए कश्मीर जा रहे हैं।
कई आतंकरोधी टीमें कश्मीर पहुंची
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कई राष्ट्रीय एजेंसियों की आतंकरोधी टीमें कश्मीर पहुंच चुकी हैं और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर अभियान चलाने की तैयारी में हैं। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि काबुल पर तालिबान के कब्जे और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को नया बॉस मिलने के बाद आतंकी संगठन नए जोश के साथ सक्रिय हो रहे हैं और अब वो कश्मीर में लौट रहे अल्पसंख्यकों को अपना निशाना बनाना चाहते हैं।
सीमापार से आए हथियार इस्तेमाल कर रहे हैं आतंकी
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि आतंकी हत्याओं के लिए पिस्तौल इस्तेमाल कर रहे हैं और उनका मानना है कि ये हथियार सीमापार से ड्रोन के जरिये भेजे गए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने चिंता जताते हुए कहा, "बड़ी चिंता यह है कि पाकिस्तान से संचालित होने वाली जिहादी अफगानिस्तान से अमेरिका में निर्मित स्नाइपर राइफल्स और दूसरे बड़े हथियार कश्मीर में ला सकते हैं।" गौरतलब है कि अफगान सेना के सारे आधुनिक हथियार तालिबान के कब्जे में आ चुके हैं।