जम्मू-कश्मीर: कुछ समय शांति के बाद फिर बढ़ने लगी आतंकी घटनाए, इस महीने हुए 10 एनकाउंटर
जम्मू-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर कुछ समय शांति रहने के बाद पिछले लगभग डेढ़ महीने से आतंकी घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है। साथ ही सुरक्षाबलों पर हो रहे हमलों में विदेशी आतंकियों की भागीदारी भी बढ़ी है। इस साल जम्मू-कश्मीर में 86 आतंकवादी मारे गए हैं। इनमें से 36 आतंकियों को जून-जुलाई में हुए 16 एनकाउंटरों में ढेर किया गया है। अकेले जुलाई में हुए 10 एनकाउंटरों में चार पाकिस्तानी आंतकियों समेत 20 आतंकी मारे गए हैं।
ढेर किए गए आतंकियों में आधे से ज्यादा लश्कर के
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इस साल सुरक्षाबलों ने 36 अभियानों में कश्मीर में 80 और जम्मू में छह आतंकियों को ढेर किया है। इन कुल 86 आतंकियों में से आधे से ज्यादा लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे। अप्रैल के बाद से हमलों में विदेशी आतंकियों की भागीदारी भी बढ़ी है। सुरक्षाबलों और आम नागरिकों को भी इन अभियानों में नुकसान उठाना पड़ा है। इस साल आतंकी घटनाओं में 15 जवान और 19 आम नागरिक अपनी जान गंवा चुके हैं।
सीजफायर के बाद रही थी शांति
भारत और पाकिस्तान ने सीजफायर समझौते का पालन करने का फैसला लेते हुए 25 फरवरी को एक बयान जारी किया था। दोनों देशों के संबंधों के बीच इसे महत्वपूर्ण पड़ाव के तौर पर देखा गया था। उम्मीद की जा रही थी कि इससे इलाके में शांति बनी रहेगी और साथ ही कश्मीर में घुसपैठ और आतंकी घटनाओं में भी कमी आएगी। घाटी में शांति थोड़े ही समय रही और अब एक बार फिर घुसपैठ की घटनाएं बढ़ने लगी हैं।
घाटी में करीब 200 सक्रिय आतंकी मौजूद
सूत्रों का कहना है कि बीते हफ्ते घुसपैठ के चार प्रयास किए गए थे। इसमें से एक को नाकाम कर दिया गया, लेकिन बाकी तीन समूह घुसपैठ करने में कामयाब रहे और करीब 20 आतंकी कश्मीर में घुस चुके हैं। कश्मीर में इस वक्त करीब 200 सक्रिय आतंकी मौजूद हैं और उनमें से 80 पाकिस्तान से घुसपैठ कर भारत में घुसे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि आने वाले दिनों में हमलों में विदेशी आतंकियों की भागीदारी ज्यादा होगी।
करीब 70 युवा हुए आतंकी संगठनों में भर्ती
अगर भर्ती की बात करें तो इस साल 15 जुलाई तक 69 युवा आतंकी संगठनों में भर्ती हुए थे। पिछले साल इसी दौरान यह संख्या 85 थी। आतंकी संगठनों में जाने वाले युवाओं में से अधिकतर शोपियां, कुलगाम और पुलवामा के रहने वाले हैं। इस बारे में पूछे जाने पर जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक (DGP) दिलबाग सिंह ने कहा कि तकनीक की मदद से युवाओं को आतंकी संगठनों में भर्ती होने से रोकने में मदद मिली है।
पिछले साल मारे गए थे 225 आतंकी
पिछले साल सुरक्षाबलों ने 103 अभियानों में 225 आतंकियों को ढेर किया था। कश्मीर में हुए 90 अभियानों में 207 और जम्मू में हुए 13 अभियानों में 18 आतंकी मारे गए थे। इन एनकाउंटरों में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 15 जवान शहीद हुए थे।