जम्मू-कश्मीर: सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता, शोपियां में ढेर किए लश्कर-ए-तैयबा के चार आतंकी
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में आज सुबह हुई एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने चार आंतकियों को मार गिराया। ये आतंकी एक घर में छिपे हुए थे और सुरक्षा बलों को देखकर उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी थी।
मारे गए चारों आतंकी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के बताए जा रहे हैं। उनके स्थानीय होने की आशंका भी जताई जा रही है।
मुठभेड़ में एक सैनिक भी घायल हुआ है और उसका इलाज चल रहा है।
मुठभेड़
शोपियां के मनिहाल गांव में छिपे हुए थे आतंकी
जम्मू-कश्मीर पुलिस के बयान के अनुसार, सुरक्षा बलों को शोपियां के मनिहाल गांव में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी जिसके बाद सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और पुलिस की एक टीम ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया।
इस बीच एक घर में छिपे आतंकियों ने सुरक्षा बलों को अपनी तरफ आता देख उन पर फायरिंग शुरू कर दी और सुरक्षा बलों की जवाबी फायरिंग में सभी आतंकी मारे गए।
बरामद हथियार
आतंकियों के पास से मिली एक AK-47 और तीन पिस्तौल
जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि मुठभेड़ की जगह से चार आतंकियों के शव बरामद हुए हैं और इन आतंकियों के पास एक AK-47 और तीन पिस्तौल मिलीं।
उन्होंने कहा कि बरामद किए गए सामान से लगता है कि ये चारों आतंकी प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित थे।
प्रवक्ता ने कहा कि अभी तक मृत आतंकियों की शिनाख्त नहीं हुई है, लेकिन उनके स्थानीय होने की संभावना है।
शोपियां मुठभेड़
पिछले हफ्ते भी मारे गए थे जैश के शीर्ष कमांडर समेत तीन आतंकी
बता दें कि शोपियां में पिछले हफ्ते भी इसी तरह की एक मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए थे। रावलपोरा गांव में हुई यह मुठभेड़ तीन दिन तक चली थी और इसमें मारे गए आतंकियों में जैश-ए-मोहम्मद का शीर्ष कमांडर विलायत अहमद लोन भी शामिल था।
विलायत पहले लश्कर के साथ जुड़ा था और उसके लिए पूरे इलाके की कमान संभाल रहा था। हालांकि बाद में वह जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया और इलाके में उसका शीर्ष कमांडर था।
आंकड़ा
पिछले साल के 10 महीनों में मारे गए थे 200 से अधिक आतंकी
बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में वृद्धि आई है और इसके कारण मारे गए आतंकियों की संख्या भी बढ़ी है
2020 के पहले 10 महीनों (अक्टूबर तक) में ही सेना ने 200 से अधिक आतंकियों को मार गिराया था। इनमें 10 आतंकी जम्मू में और 190 से अधिक आतंकी कश्मीर में मारे गए थे।
इसके मुकाबले 2019 में सेना ने कुल 157 आतंकियों को ढेर किया था।