कोरोना: बायोलॉजिकल ई को मिली बच्चों और किशोरों पर वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी
स्वदेशी फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन कॉर्बवैक्स (CORBEVAX) का बच्चों और किशोरों पर ट्रायल कर सकेगी। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने बीते बुधवार को कंपनी के इसकी मंजूरी दे दी थी। आधिकारिक बयान में बताया गया कि कंपनी इस ट्रायल में पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों और किशोरों पर अपनी वैक्सीन कॉर्बवैक्स की सुरक्षा और सहनशीलता की जांच करेगी। भारत में बच्चों पर ट्रायल की मंजूरी पाने वाली यह तीसरी वैक्सीन है।
RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन बना रही है कंपनी
बायोलॉजिकल ई एक RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन तैयार कर रही है। पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में इस वैक्सीन ने उत्साहजनक नतीजे दिए हैं। अलग-अलग अध्ययनों में मदद के लिए भारत सरकार का बायोटेक्नोलॉजी विभाग भी कंपनी को आर्थिक सहायता दे रहा है। माना जा रहा है कि बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन देश की सबसे किफायती वैक्सीन हो सकती है और इसकी दोनों खुराकों की कीमत 220 रुपये के करीब होने के आसार हैं।
सरकार ने बुक कर ली हैं 30 करोड़ खुराकें
बायोलॉजिकल ई की RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन कोरोना महामारी फैलाने वाले वायरस SARS-CoV-2 के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) के डिमेरिक फॉर्म का ऐंटीजन के तौर पर इस्तेमाल करती है। वायरस के खिलाफ इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए इसमें CpG 1018 नामक एडजुवेंट भी मिलाया गया है। यह दो खुराकों वाली वैक्सीन होगी और 28 दिन के अंतराल के बाद दूसरी खुराक लगाई जाएगी। लॉन्च होने से पहले ही सरकार ने इसकी 30 करोड़ खुराकें बुक कर ली हैं।
जायडस वैक्सीन को मिल चुकी है बच्चों पर इस्तेमाल की मंजूरी
गुजरात स्थित फार्मा कंपनी जायडस-कैडिला की तीन खुराक वाली कोरोना वायरस वैक्सीन को भारत में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों और व्यस्कों पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। DCGI ने पिछले महीने इसी हरी झंडी दिखाई थी। प्लास्मिड DNA प्लेटफॉर्म पर बनी यह दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन है, जिसे इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। इस वैक्सीन को जायकोव-डी (ZyCoV-D) नाम से जाना जाएगा। इसका इस्तेमाल शुरू करना सरकार पर निर्भर है।
कोवैक्सिन के चल रहे ट्रायल
देश की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन के भी बच्चों पर ट्रायल चल रहे हैं। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में इनके नतीजे सामने आ जाएंगे, जिसके बाद इस इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। उम्मीद है कि इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत में इसे उपयोग की अनुमति दी जा सकती है। इसके अलावा अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने भी भारत में 12-17 आयुवर्ग पर वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी मांगी है।
देश में वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
देश में वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 67,72,11,205 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 58,85,687 खुराकें लगाई गई थीं। देश की आधी से अधिक व्यस्क आबादी को कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है और दिसंबर तक पूरी आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सरकार वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ा रही है। जल्द ही बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।