कोरोना: बढ़ती घरेलू जरुरतों के चलते अन्य देशों को देर से मिलेगी सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन
क्या है खबर?
पुणे स्थित दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को बढ़ती घरेलू मांग के चलते विदेशों में वैक्सीन भेजने में ज्यादा समय लग सकता है।
SII ने ब्राजील, सऊदी अरब और मोरक्को को बता दिया है कि बढ़ती घरेलू जरूरतों और क्षमता के विस्तार के कामों के चलते वैक्सीन आपूर्ति में देर होगी।
गौरतलब है कि SII एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की गई कोरोना वैक्सीन का उत्पादन कर रही है।
जानकारी
कोविशील्ड वैक्सीन बना रही है SII
भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से जाना जा रहा है।
भारत सरकार इसे वैक्सीनेशन अभियान में इस्तेमाल करने के साथ-साथ विदेशों को दान और इसकी कमर्शियल आपूर्ति भी कर रही है।
SII की तरफ से वैक्सीन आपूर्ति में देरी की खबरें ऐसे समय में आई हैं, जब भारत सरकार को घरेलू स्तर पर अपने नागरिकों को लगाने की बजाय विदेशों में वैक्सीन भेजने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी
भारत में वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने की मांग
अमेरिका और ब्राजील के बाद कोरोना महामारी से तीसरे सर्वाधिक प्रभावित देश भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या फिर एक बार तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते यह मांग की जाने लगी है कि सरकार को वैक्सीनेशन अभियान का दायरा और बढ़ाना चाहिए।
असर
आपूर्ति में देरी के कारण ब्रिटेन को धीमा करना होगा वैक्सीनेशन अभियान
SII की तरफ से आपूर्ति में देरी की खबरें उस वक्त सामने आई थीं, जब ब्रिटेन ने कहा था कि समय पर वैक्सीन न मिलने के कारण उसे अपने वैक्सीनेशन अभियान को धीमा करना होगा।
ब्रिटेन ने SII को कोरोना वैक्सीन की दो करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया था, लेकिन उसे अभी तक एक करोड़ खुराकें ही मिल पाई हैं।
इसी तरह ब्राजील को 40 लाख, सऊदी अरब को 30 लाख और मोरक्को को 70 लाख खुराकें भेजी गई हैं।
समाधान
अप्रैल-मई तक क्षमता बढ़ा लेगी SII
भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, ब्राजील, सऊदी अरब और मोरक्को ने भी SII को दो-दो करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया था।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इस पर प्रतिक्रिया लेने के लिए इन देशों के प्रतिनिधियों और SII अधिकारियों से संपर्क किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
सूत्रों ने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट फिलहाल अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है। अप्रैल-मई तक यह हर महीने 10 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने में सक्षम होगी।
महामारी में मदद
75 देशों में वैक्सीन भेज चुका भारत
शुरुआत में SII को सिर्फ मध्य और निम्न आय वर्ग वाले देशों में वैक्सीन की आपूर्ति करनी थी, लेकिन एस्ट्राजेनेका के दूसरे सहयोगियों के उत्पादन संयंत्रों में परेशानी आने के बाद इसे दूसरे देशों को भी वैक्सीन भेजनी पड़ रही है।
भारत ने अभी तक 75 देशों को कोरोना वैक्सीन की 80 लाख खुराकें दान की हैं और पांच करोड़ से ज्यादा खुराकों की बिक्री कर चुका है। इनमें से अधिकतर SII द्वारा निर्मित एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन है।
जानकारी
दुनिया की 'वैक्सीन फैक्ट्री' है भारत
गौरतलब है कि पूरी दुनिया में भारत में सबसे अधिक वैक्सीनें बनती है और इसे दुनिया की 'वैक्सीन फैक्ट्री' कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से लेकर अमेरिका और बिल गेट्स तक कह चुके हैं कि दुनिया को कोरोना महामारी से बाहर निकालने में वैक्सीन उत्पादन की भारत की क्षमता अहम भूमिका अदा करेगी।
भारतीय प्रधानमंत्री मोदी भी आश्वासन दे चुके हैं कि भारत की इस क्षमता का मानवता के भले के लिए उपयोग होगा।