
'कोवैक्सिन' को अगस्त के आखिर तक मिल सकती है WHO की मंजूरी- सौम्या स्वामीनाथन
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार की गई वैक्सीन 'कोवैक्सिन' को वैश्विक स्तर पर आपात इस्तेमाल की सूची में शामिल कराने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंजूरी हासिल करने में लगी हैदराबाद की भारत बायोटक कंपनी के लिए राहत की खबर है।
WHO ने वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनकल ट्रायल के डाटा को अच्छा माना और इसे अगस्त के आखिर तक मंजूरी दी जा सकती है।
WHO की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने स्वयं इसकी पुष्टि की है।
पृष्ठभूमि
भारतय बायोटेक ने ICMR के साथ मिलकर तैयार की है कोवैक्सिन
बता दें कि भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर कोवैक्सिन को विकसित किया है और यह पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है। इसे कोरोना वायरस को ही निष्क्रिय करके विकसित किया गया है।
इसके लिए ICMR ने भारत बायोटेक को जिंदा वायरस प्रदान किया था, जिसे निष्क्रिय करके कंपनी ने वैक्सीन विकसित की। भारत के अलावा ब्राजील जैसे कुछ देशों ने भी इसकी खुराकें मांगी हैं।
आवेदन
भारत बायोटेक ने मई में किया था WHO में आवेदन
भारत सरकार ने कोवैक्सिन को जनवरी में आपात इस्तेमाल की मंजूरी देते हुए कंपनी को इसके तीसरे चरण का ट्रायल जल्दू पूरा करने के निर्देश दिए थे।
उसके बाद से भारत में तो इसका इस्तेमाल शुरू हो गया था, लेकिन उसे WHO की मंजूरी नहीं मिली थी।
इसको देखते हुए कंपनी ने मई के तीसरे सप्ताह में तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के आधार पर वैश्विक स्तर पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए WHO में आवेदन किया था।
प्रभावी
महामारी के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी रही है वैक्सीन
भारत बायोटेक की ओर से 3 जुलाई को तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के परिणाम जारी किए थे।
इसमें कहा गया था कि कोवैक्सीन महामारी के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत, हल्के और मध्यम लक्षणों के खिलाफ 78 प्रतिशत, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65 प्रतिशत और बिना लक्षणों वाले मरीजों पर 63 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है।
कंपनी ने देशभर के 25 अस्पतालों में 18-98 साल के 25,800 वॉलेंटियर्स पर वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किया था।
मंजूरी
अच्छा है कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल का डाटा- स्वामीनाथन
इंडिया टुडे के अनुसार, WHO की मुख्य वैज्ञानिक स्वामीनाथन ने कहा, "मुझे लगता है कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्रायल का डाटा अच्छा और उत्साहजनक है। अच्छी बात यह है कि यह वायरस के अन्य वेरिएंटों के खिलाफ भी प्रभावी मिली है।"
उन्होंने कहा, "वैक्सीन सभी वेरिएंटों के खिलाफ 60 प्रतिशत से अधिक प्रभावी रही है। समग्र रूप से इसकी प्रभाविकता अधिक है, लेकिन डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ तुलनात्मक रूप से कम है। इसके बाद भी यह बहुत अच्छी है।"
निर्णय
अगस्त में किया जाएगा मंजूरी पर निर्णय- स्वामीनाथन
स्वामीनाथन ने कहा, "अब तक के डाटा के अनुसार वैक्सीन प्रभाविकता और सुरक्षा के आवश्यक मापदंडों को पूरा कर रही है, लेकिन मंजूरी के लिए अभी और अध्ययन किया जा रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "23 जून को भारत बायोटेक और WHO ने इसे लेकर एक प्री-सबमिशन बैठक की थी और अब उसके डाटा की समीक्षा की जा रही है। अगस्त के मध्य या आखिर तक वैक्सीन को मंजूरी देने पर निर्णय किया जाएगा।"
सुझाव
स्वामीनाथन ने भारत को दिया वैक्सीनेशन बढ़ाने का सुझाव
स्वामीनाथन ने कहा कि अमेरिका को छोड़कर दुनिया के अधिकांश हिस्सों में कोरोना के मामलों में तेजी देखी गई है और मौतों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। ऐसे में भारत को कम से कम 60-70 प्रतिशत आबादी के वैक्सीन की एक खुराक लगानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत ब्रिटेन जैसे देशों से बूस्टर डोज के संबंध में प्रेरणा ले सकता है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि WHO जल्द ही बूस्टर डोज की सिफारिश नहीं करेगा।
जानकारी
कोवैक्सिन को इन देशों में मिल चुकी है इस्तेमाल की मंजूरी
भले ही कोवैक्सिन को WHO से मंजूरी नहीं मिली, लेकिन इसके बाद भी उसे भारत के अलावा ब्राजील, फिलीपींस, ईरान और मैक्सिको सहित 16 देशों में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा अन्य देश भी इसे मंजूरी देने की प्रक्रिया में हैं।