वैक्सीनेशन: तीसरी खुराक पर स्टैंड बताए सरकार, अर्थशास्त्र पर आधारित न हो फैसला- दिल्ली हाई कोर्ट
बीते काफी समय से कोरोना वायरस वैक्सीन की दो खुराक ले चुके लोगों को तीसरी खुराक लगाने के मामले पर बहस चल रही है। कई विशेषज्ञों को कहना है कि अभी इसकी जरूरत नहीं है। वहीं कई देशों ने अपने लोगों को तीसरी खुराक देना शुरू कर दिया है। अब दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले पर स्टैंड पूछा है और कहा कि यह फैसला आर्थिक वजहों पर आधारित नहीं होना चाहिए।
कोर्ट ने पूछा- तीसरी खुराक क्यों नहीं दी जा रही?
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार से पूछा कि जब अमेरिका और कई यूरोपीय देश तीसरी खुराक लगाना शुरू कर चुके हैं तो भारत में इसे मंजूरी क्यों नहीं दी गई है? जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की डिवीजन बेंच ने सरकार से कहा है कि अगर तीसरी खुराक को जरूरी माना जा रहा है तो वह इसकी संभावित शुरुआत की समयसीमा की जानकारी कोर्ट को सौंपे।
बच्चों के वैक्सीनेशन का भी हुआ जिक्र
कोर्ट ने तीसरी खुराक की जरूरत और प्रभावकारिता पर व्यक्त की जा रही अलग-अलग राय का संज्ञान लेते हुए कहा कि भारत के विशेषज्ञ मानते हैं कि अभी तक ऐसे सबूत सामने नहीं आए हैं, जो तीसरी खुराक देने की जरूरत बताते हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने पर चल रही बहस का भी जिक्र किया था। गौरतलब है कि देश में अभी तक 18 साल से कम आयुवर्ग का वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है।
अर्थशास्त्र पर आधारित न हो फैसला- कोर्ट
दिल्ली में महामारी की स्थिति पर निगरानी रखने वाले मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि तीसरी खुराक देने का फैसला अर्थशास्त्र पर आधारित नहीं होना चाहिए। इसमें कोई संदेह नहीं कि सरकार अधिकतर लोगों को फ्री में वैक्सीन दे रही है। शायद यह एक वजह हो सकती है कि सरकार अभी तीसरी खुराक नहीं लगाना चाहती हो, लेकिन कोई भी फिर से उस स्थिति में नहीं जाना चाहता, जो महामारी की दूसरी लहर के दौरान थी।
तीसरी खुराक न लगाई तो मेहनत पर फिर जाएगा पानी- कोर्ट
डिवीजन बेंच ने कहा कि बुजुर्गों समेत कई लोग यह जानने के इच्छुक हैं कि क्या उन्हें तीसरी खुराक की जरूरत पड़ेगी और इसकी मंजूरी कब दी जाएगी? ऐसी भी रिपोर्ट्स हैं कि बड़ी मात्रा में खुराकों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है और वो थोड़े समय बाद एक्सपायर हो जाएंगी। कोर्ट ने कई विशेषज्ञों की राय का हवाला देते हुए कहा कि अगर अभी तीसरी खुराक नहीं लगाई तो जो किया है उस पूरे पर पानी फिर जाएगा।
तीसरी खुराक पर क्या बहस चल रही?
एक तरफ जहां कम होती सुरक्षा को लेकर तीसरी खुराक लगाने की बात कही जा रही है, वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और कई विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तीसरी खुराक लगाने की जरूरत नहीं है और पहले पूरी आबादी को दो खुराकों के साथ वैक्सीनेट किया जाए। WHO ने वैक्सीन वितरण में असमानता की तरफ ध्यान दिलाते हुए अमीर देशों के तीसरी खुराक लगाने की बजाय इन्हें गरीब देशों को देने को कहा है।
AIIMS निदेशक बोले- अभी तीसरी खुराक की जरूरत नहीं
भारत में अभी वैक्सीन की दो खुराकें लगवा चुके लोगों को तीसरी खुराक देने की जरूरत नहीं है और फिलहाल वैक्सीन कवरेज बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने यह बात कही थी। साथ ही उन्होंने कहा है कि हर बीतते दिन के साथ महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका कमजोर होती जा रही है। उन्होंने बताया कि भविष्य में तीसरी खुराक की जरूरत पड़ सकती है।
देश में वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 1,20,27,03,659 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बीते दिन 83,88,824 खुराकें लगाई गईं। धीरे-धीरे वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार पकड़ रहा है।