सरकार ने बढ़ाए वैक्सीनों के दाम, अब कोविशील्ड की एक खुराक के लिए चुकाएगी 215 रुपये
कई महीनों तक 150 रुपये प्रति खुराक की दर से वैक्सीन खरीदने के बाद केंद्र सरकार ने इनके दामों की समीक्षा करने का फैसला लिया है। अब केंद्र सरकार कोविशील्ड की एक खुराक के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को 215 रुपये और कोवैक्सिन की खुराक के लिए भारत बायोटेक को 225 रुपये चुकाएगी। वैक्सीन निर्माता कंपनियों की तरफ से मांग के बीच सरकार ने दामों की समीक्षा करने की बात कही थी।
लंबे समय से दाम बढ़ाने की मांग कर रही थी कंपनियां
वैक्सीन निर्माता कंपनियों का कहना था कि उनके लिए लंबे समय तक 150 रुपये प्रति खुराक की दर पर वैक्सीन बेचना संभव नहीं होगा और उन्होंने सरकार से दाम बढ़ाने की मांग की थी। इसके जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया था कि 21 जून को नई वैक्सीन नीति लागू होने के बाद दामों की समीक्षा की जाएगी। 21 जून के बाद से इन कंपनियों के कुल उत्पादन में 75 फीसदी खुराकें अकेले केंद्र सरकार खरीद रही है।
राज्य सरकारों को महंगी मिल रही थी वैक्सीनें
नई वैक्सीन नीति के तहत कंपनियां 25 प्रतिशत खुराके निजी अस्पतालों को बेच सकती है। इसके लिए भी सरकार ने दाम तय किए हैं। 21 जून को नई वैक्सीन नीति लागू होने से पहले राज्य सरकारों को अपनी जरूरत की खुराकें खुद खरीदनी होती थी। राज्य सरकारों के लिए कंपनियों ने कोविशील्ड की कीमत 300 रुपये प्रति खुराक और कोवैक्सिन की कीमत 400 रुपये प्रति खुराक रखी थी। महंगी कीमत को लेकर राज्य सरकारों ने विरोध जताया था।
अभी तक खरीदी गई 40 करोड़ से अधिक खुराकें
वैक्सीनेशन अभियान की शुुरुआत से लेकर अब तक मोदी सरकार ने कोरोना वैक्सीन की 40.31 करोड़ खुराकें खरीदी हैं। शुरुआती ऑर्डर, जिसमें कोवैक्सिन की कीमत 295 रुपये प्रति खुराक और कोविशील्ड 200 रुपये प्रति खुराक खरीद गई, को छोड़ दें तो सरकार ने अधिकतर खुराकें 150 रुपये की दर से खरीदी हैं। केंद्र ने गुरुवार को बताया कि राज्यों को अभी तक 40.31 करोड़ खुराकें उपलब्ध करवा दी गई हैं और 83 लाख से अधिक खुराकें और मिलनी हैं।
केंद्र ने ऑर्डर की 66 करोड़ खुराकें
द प्रिंट के अनुसार, केंद्र सरकार ने भारत बायोटेक और SII को अगस्त से दिसंबर के बीच 66 करोड़ खुराकों की आपूर्ति के लिए 14,500 करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर दिया है। इस हिसाब से अगस्त के बाद दोनों कंपनियों से सरकार को औसतन 12 करोड़ से कुछ अधिक खुराकें मिलेंगे। ऐसी स्थिति में अगर स्पूतनिक-V और दूसरी वैक्सीनें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होती तो रोजाना एक करोड़ खुराकें लगाना का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकेगा।
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 39,53,43,767 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन मात्र 38,78,078 खुराकें लगाई गईं। देश के कई राज्यों में एक बार फिर वैक्सीन की कमी महसूस की जा रही है, जिसके चलते कई जगह वैक्सीनेशन अभियान रोकना पड़ा है और कई जगह इसकी रफ्तार प्रभावित हो रही है। सरकार ने जुलाई मध्य से रोजाना एक करोड़ खुराकें लगाने का लक्ष्य रखा था।