कोरोना: बढ़ती घरेलू जरूरतों के कारण भारत ने वैक्सीन निर्यात पर अस्थायी रोक लगाई
क्या है खबर?
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा बनाई जा रही एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (कोविशील्ड) के बड़े निर्यात पर अस्थायी रोक लगा दी है। सूत्रों ने बताया कि बढ़ती घरेलू मांग के चलते सरकार ने यह कदम उठाया है।
गौरतलब है कि पुणे स्थित SII एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की गई वैक्सीन का उत्पादन और निर्यात करती है।
भारत अब तक 70 से अधिक देशों को वैक्सीन भेज चुका है।
वैक्सीन आपूर्ति
अप्रैल में सरकार को छह करोड़ खुराकें सौंपेगी SII
बिजनेस स्टैंडर्ड ने मामले की जानकारी रखने वाले व्यक्ति के हवाले से लिखा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने SII को बता दिया है कि विदेशो की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने से पहले उसे भारत सरकार को वैक्सीन देनी होगी। SII अप्रैल में कोविशील्ड की छह करोड़ खुराकों का उत्पादन कर भारत सरकार को सौंपेगी।
भारत ने आधिकारिक तौर पर वैक्सीन के निर्यात पर पाबंदी नहीं लगाई है, लेकिन देश में आपूर्ति की स्थिति स्थिर होने तक यह अस्थायी रोक रहेगी।
कोरोना वैक्सीनेशन
1 अप्रैल से बढ़ रहा है वैक्सीनेशन अभियान का दायरा
रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई जैसे शहरों में वैक्सीन की उपलब्धता में कमी महसूस की जा रही है। कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच सरकार वैक्सीनेशन अभियान को गति देने की योजना बना रही है।
गौरतलब है कि सरकार ने 1 अप्रैल के बाद 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की योजना बनाई है।
इसी बीच कई राज्यों ने केंद्र से वैक्सीनेशन का दायरा और बढ़ाने की भी मांग की है।
नियम
निर्यात के लिए SII को लेनी होगी विदेश मंत्रालय की मंजूरी
रिपोर्ट के अनुसार, SII ने अब तक भारत सरकार को लगभग 6.5 करोड़ खुराकों की आपूर्ति की है और इतनी ही खुराकों का निर्यात किया है।
भारत सरकार ने कंपनी को 10 करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया है और अब उसे निर्यात करने से पहले विदेश मंत्रालय की मंजूरी लेनी होगी।
सरकार के इस कदम से कोवैक्स अभियान में जाने वाली आपूर्ति पर भी असर पड़ेगा। इस अभियान के तहत 180 देशों को वैक्सीन की आपूर्ति की जाती है।
जानकारी
बीते गुरुवार से बंद है वैक्सीन का निर्यात
देश में वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने की कोशिश में लगी भारत सरकार ने बीते गुरुवार के बाद से वैक्सीन का निर्यात नहीं किया है।
सूत्रों ने बताया कि फिलहाल के लिए सभी चीजें रोक दी गई हैं। हालात स्थिर नहीं होने तक निर्यात नहीं होगा। अभी भारत में ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करने की जरूरत है। ऐसे में सरकार कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती।
SII और विदेश मंत्रालय की तरफ से अभी तक इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
जानकारी
SII ने वैक्सीन आपूर्ति को किया है धीमा
इससे पहले पिछले सप्ताह खबर आई थी कि SII ने बढ़ती घरेलू जरूरतों का हवाला देकर ब्राजील, सऊदी अरब और मोरक्को को बताया था कि वैक्सीन आपूर्ति में देर होगी।
तब कंपनी ने कहा था कि वह घरेलू जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ अपनी उत्पादन क्षमता में भी विस्तार कर रही है। इसके चलते वैक्सीन आपूर्ति में देरी हो सकती है।
वैक्सीन आपूर्ति के लिए SII पर निर्भर इंग्लैंड को इस कारण अपना वैक्सीनेशन अभियान धीमा करना पड़ा है।
जानकारी
भारत में वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 5,31,45,709 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 23,03,305 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। अभी वैक्सीनेशन अभियान का दूसरा चरण चल रहा है।
उत्पादन क्षमता
दुनिया की 'वैक्सीन फैक्ट्री' है भारत
गौरतलब है कि पूरी दुनिया में भारत में सबसे अधिक वैक्सीनें बनती है और इसे दुनिया की 'वैक्सीन फैक्ट्री' कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से लेकर अमेरिका और बिल गेट्स तक कह चुके हैं कि दुनिया को कोरोना महामारी से बाहर निकालने में वैक्सीन उत्पादन की भारत की क्षमता अहम भूमिका अदा करेगी।
भारतीय प्रधानमंत्री मोदी भी आश्वासन दे चुके हैं कि भारत की इस क्षमता का मानवता के भले के लिए उपयोग होगा।