वैक्सीनेशन अभियान: निजी अस्पतालों के पास बची हैं कोविशील्ड की 1.08 करोड़ खुराकें- केंद्र
केंद्र सरकार ने राज्यों को बताया है कि देशभर के निजी अस्पतालों के पास कोरोना वायरस वैक्सीन कोविशील्ड की 1.08 करोड़ खुराकें बची हुई हैं। इन अस्पतालों ने 1 मई से लेकर 22 जून तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से कोविशील्ड की 1.97 करोड़ खुराकें खरीदी थीं। इनमें से वे अभी तक महज 88.9 लाख खुराकें ही इस्तेमाल कर पाए हैं। केंद्र ने यह जानकारी निजी अस्पतालों की तरफ से मिली सूचना के आधार पर दी है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक के अस्पतालों के पास सर्वाधिक खुराकें
राज्यवार बात करें तो महाराष्ट्र के निजी अस्पतालों के पास कोविशील्ड की 26.33 लाख खुराकें बची हुई हैं। यहां के अस्पतालों ने सबसे ज्यादा खुराकें खरीदी थीं। इसके बाद कर्नाटक के निजी अस्पतालों के पास 16.74 लाख और पश्चिम बंगाल के अस्पतालों के पास 16.65 लाख खुराकें बची हुई हैं। केंद्र ने कोवैक्सिन का डाटा साझा नहीं किया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि निजी अस्पतालों के पास इस वैक्सीन की कम ही खुराकें होंगी।
किस राज्य के निजी अस्पतालों ने कितनी खुराकें लगाईं?
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, महाराष्ट्र के निजी अस्पतालों ने सीरम इंस्टीट्यूट से 52.69 लाख खुराकें खरीदी थीं और इनमें से लगभग आधी इस्तेमाल कर ली हैं। इसी तरह कर्नाटक के अस्पतालों ने 31.68 लाख खुराकें खरीदी और 14.93 लाख (47.12 प्रतिशत) इस्तेमाल कर ली। पश्चिम बंगाल के निजी क्षेत्र के अस्पतालों ने 26.90 लाख खुराकों में से 10.24 लाख (38 प्रतिशत) और दिल्ली के अस्पतालों ने 15.89 लाख खुराकों में से 5.40 लाख (33.9 प्रतिशत) खुराकें इस्तेमाल की हैं।
10 प्रतिशत खुराकें भी नहीं लगा पाए इन राज्यों के निजी अस्पताल
बिहार, मणिपुर, पुडुचेरी और मिजोरम ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां अस्पताल अपनी खरीदी हुईं खुराकों का 10 प्रतिशत हिस्सा भी इस्तेमाल नहीं कर पाए। यह भी तब है, जब इनमें से हर एक ने 25,000 से कम खुराकें खरीदी थीं।
गोवा, हरियाणा और गुजरात का प्रदर्शन बेहतर
दूसरी तरफ हरियाणा, गोवा और गुजरात ऐसे राज्य हैं, जहां के निजी अस्पतालों ने सबसे ज्यादा खुराकें इस्तेमाल की है। गोवा के अस्पतालों ने 15,690 खुराकें खरीदकर उनमें से 69.12 प्रतिशत का इस्तेमाल कर लिया है। दूसरे स्थान पर गुजरात के निजी अस्पतालों ने लगभग 3.90 लाख में से 61.21 प्रतिशत, हरियाणा के अस्पतालों ने 6.50 लाख में से 63.35 प्रतिशत और केरल के अस्पतालों ने 6.71 लाख में से लगभग 61 प्रतिशत खुराकें लाभार्थियों को लगा दी हैं।
देश में रोजाना 4,000-5,000 सेशन आयोजित कर रहा निजी क्षेत्र
देश में निजी क्षेत्र के अस्पताल रोजाना वैक्सीनेशन के 4,000-5,000 सेशन आयोजित कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 400-500 महाराष्ट्र में, 300-400 कर्नाटक में और 200-300 पश्चिम बंगाल होते हैं। महाराष्ट्र में रोजाना होने वाले वैक्सीनेशन में लगभग आधा निजी क्षेत्र करता है।
प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद निजी क्षेत्र में कम हुआ वैक्सीनेशन
बीते 7 जून को प्रधानमंत्री मोदी ने देश की नई वैक्सीन नीति का ऐलान किया था। इसके तहत निजी अस्पताल कोविशील्ड की एक खुराक के लिए अधिकतम 780 और कोवैक्सिन की खुराक के लिए 1,410 रुपये ले सकते हैं। निजी अस्पतालों का कहना है कि 7 जून की घोषणा के बाद से उनके यहां वैक्सीनेशन की कमी आई है। इन अस्पतालों ने सोसाइटीज और कंपनियों के दफ्तरों में वैक्सीनेशन कैंप लगाने भी बंद कर दिए हैं।
इन कारणों से निजी क्षेत्र ने कम किया वैक्सीनेशन
अस्पतालों ने इसके कारण बताते हुए कहा कि खुराकों की कीमत तय होने से उनका कैंप लगाने से होने वाला फायदा कम हुआ है और वैक्सीनेशन की मांग में भी कमी देखी जा रही है। मई में वैक्सीन की मांग सबसे ज्यादा थी। अपोलो अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा कि स्लॉट बुक करवाने वाले 98-99 प्रतिशत लोग खुराक लेने के लिए पहुंच रहे थे, लेकिन अब यह संख्या 80-85 प्रतिशत तक कम हो गई है।