वैक्सीनेशन: सरकार ने खरीदीं कोर्बेवैक्स की 5 करोड़ खुराकें, बच्चों पर हो सकती हैं इस्तेमाल
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई को कोरोना वैक्सीन कोर्बेवैक्स की पांच करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया है।
उम्मीद की जा रही है कि इस महीने के आखिर तक सरकार को ये खुराकें मिल जाएंगी और वैक्सीनेशन अभियान का दायरा बढ़ाने के लिए इनका इस्तेमाल हो सकता है।
माना जा रहा है कि नियामकीय मंजूरी मिलने के बाद सरकार 15 साल से कम उम्र के बच्चों पर इन खुराकों का उपयोग कर सकती है।
कोर्बेवैक्स
व्यस्कों पर इस्तेमाल की मिल चुकी है मंजूरी
पिछले साल दिसंबर में इस वैक्सीन को व्यस्कों पर आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई थी।
TOI ने लिखा है कि कंपनी ने उसके बाद 5-12 और 12-18 साल आयुवर्ग पर भी इसका ट्रायल पूरा कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को नेशनल टेक्निकल ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) ने ट्रायल के आंकड़ों की समीक्षा भी की है। हालांकि, कंपनी ने अभी तक मंजूरी के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के पास ट्रायल के आंकड़े नहीं भेजे हैं।
कोर्बेवैक्स
CDL ने छह करोड़ खुराकों को दिखाई हरी झंडी
सूत्रों का कहना है कि अगर NTAGI के विशेषज्ञ इन आंकड़ों से संतुष्ट होते हैं तो DCGI से मंजूरी मिलने में अधिक वक्त नहीं लगेगा।
हाल ही में जानकारी आई थी कि हिमाचल प्रदेश के कसौली में स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (CDL) सुरक्षा और प्रभावशीलता की जांच करने के बाद पिछले तीन महीने में इस वैक्सीन की छह करोड़ खुराकों को पास कर चुकी है।
इस वैक्सीन के विकास में भारत सरकार ने भी मदद की है।
जानकारी
145 रुपये प्रति खुराक है कीमत
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने इन छह करोड़ खुराकों का 145 रुपये प्रति खुराक के हिसाब से ऑर्डर दिया है। इसमें टैक्स शामिल नहीं है। इससे पहले पिछले साल सरकार ने कंपनी को 30 करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया था।
तकनीक
कैसे काम करती है कोर्बेवैक्स?
बायोलॉजिकल ई की कोर्बेवैक्स पहली स्वदेशी RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है।
यह कोरोना महामारी फैलाने वाले वायरस SARS-CoV-2 के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) के डिमेरिक फॉर्म का ऐंटीजन के तौर पर इस्तेमाल करती है। वायरस के खिलाफ इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए इसमें CpG 1018 नामक एडजुवेंट भी मिलाया गया है।
यह दो खुराकों वाली वैक्सीन होगी और 28 दिन के अंतराल के बाद दूसरी खुराक लगाई जाएगी।
ट्रायल में वैक्सीन ने उत्साहजनक नतीजे दिए हैं।
वैक्सीनेशन
अभी बच्चों पर केवल कोवैक्सिन का हो रहा इस्तेमाल
देश में फिलहाल 15 से 18 साल के किशोरों का वैक्सीनेशन हो रहा है और इसके लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
महामारी के कारण बने हालात सुधरने के बाद धीरे-धीरे सभी राज्य स्कूल खोलने लगे हैं। ऐसे में छोटे बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन की जरूरत महसूस की जा रही है। इसे देखते हुए सरकार वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने और इसमें और वैक्सीनों को शामिल करने की योजना बना रही है।
वैक्सीनेशन अभियान
बच्चों पर इस्तेमाल के लिए दो वैक्सीनों को मंजूरी
भारत में अब तक आठ कोविड वैक्सीनों को मंजूरी मिल चुकी है।
इनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और कोवावैक्स, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, रूस की स्पूतनिक-V, बायोलॉजिकल-ई की कोर्बेवैक्स, मॉडर्ना की mRNA वैक्सीन, जॉनसन एंड जॉनसन की एक खुराक वाली वैक्सीन और जायडस कैडिला की DNA वैक्सीन शामिल हैं।
इनमें से कोवैक्सिन और जायडस वैक्सीन को ही बच्चों पर इस्तेमाल की मंजूरी मिली है, लेकिन अभी तक केवल कोवैक्सिन का ही उपयोग किया जा रहा है।
वैक्सीनेशन
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
16 जनवरी, 2021 को शुरू हुए भारत के वैक्सीनेशन अभियान में अब तक 1,69,43,24,765 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं।
देश की 75 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी का पूर्ण वैक्सीनेशन हो गया है। 10 जनवरी से अधिक जोखिम वाले समूहों को बूस्टर खुराक भी लगाई जा रही है।
देश में 3 जनवरी से किशोरों का वैक्सीनेशन शुरू हो गया है और एक महीने के भीतर 15-18 साल के 65 प्रतिशत किशोरों को पहली खुराक दी जा चुकी है।