भारत को मिलीं 2 नई कोविड वैक्सीनें और एक एंटी-वायरल दवा, DCGI ने दी मंजूरी
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा कदम उठाते हुए आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो नई कोविड वैक्सीनों और एक एंटी-कोविड दवा को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट करते हुए बताया कि मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने कोवावैक्स वैक्सीन, कोर्बेवैक्स वैक्सीन और एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरावीर को सीमित आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूदी दे दी है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने ये मंजूरी दी है।
सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा है कोवावैक्स का उत्पादन
कोवावैक्स वैक्सीन को अमेरिकी कंपनी 'नोवावैक्स' ने विकसित किया है और भारत में इसका निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कर रहा है। SII देश में वैक्सीन का ट्रायल भी कर रहा है और बच्चों पर भी ट्रायल जारी है। अमेरिका और मैक्सिको में हुए बड़े स्तर के ट्रायल में कोवावैक्स को कोरोना संक्रमण रोकने में 90 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था। हालांकि ये सभी ओमिक्रॉन वेरिएंट सामने आने से पहले के आंकड़े हैं। DCGI) ने ये मंजूरी दी है।
देश की पहली RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन हैं कोर्बेवैक्स
कोर्बेवैक्स देश की पहली RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है और इसे हैदराबाद की बायोलॉजिकल-ई ने विकसित किया है। वैक्सीन का अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है जिसके अंतरिम नतीजे उत्साहजनक बताए जा रहे हैं। पांच से 18 साल के बच्चों पर भी वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है। ये ट्रायल पांच से 12 साल और 12 से 18 साल के दो समूहों में हो रहा है। सरकार जून में ही वैक्सीन की 30 करोड़ खुराकें ऑर्डर कर चुकी है।
गेम-चेंजिंग बताई जा रही है मोलनुपिरावीर
एंटी-कोविड दवा मोलनुपिरावीर को अमेरिकी कंपनी मर्क ने विकसित किया है और इसे कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में गेम चेंजिंग बताया जा रहा है। ट्रायल में इस दवा को कोरोना संक्रमण से मौत और अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को लगभग आधा यानि 50 प्रतिशत कम करने में कामयाब पाया गया था। भारत में 13 कंपनियां इसका उत्पादन करेंगी। इन्हीं कंपनियों के एक समूह ने मोलनुपिरावीर के इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन किया था।
देश में बढ़ता जा रहा है ओमिक्रॉन का खतरा
DCGI ने इन दो वैक्सीनों और मोलनुपिरावीर को ऐसे समय पर मंजूरी दी है जब देश में ओमिक्रॉन के कारण तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। देश में धीरे-धीरे इस वेरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं। ओमिक्रॉन को रोकने के लिए सरकार ने 15 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन और स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों को बूस्टर खुराक लगाने का ऐलान किया है। ऐसे में देश को ज्यादा खुराकों की जरूरत पड़ना लाजिमी है।
भारत में अब तक आठ वैक्सीनों को मिल चुकी है मंजूरी
बता दें कि भारत में अभी तक कुल आठ वैक्सीनों को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। कोवावैक्स और कोर्बेवैक्स के अलावा SII की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, स्पूतनिक-V और जायडस कैडिला, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीनों को मंजूरी मिल चुकी है।