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केंद्र सरकार ने बनने से पहले ही बुक की दूसरी स्वदेशी वैक्सीन की 30 करोड़ खुराकें

केंद्र सरकार ने बनने से पहले ही बुक की दूसरी स्वदेशी वैक्सीन की 30 करोड़ खुराकें

Jun 03, 2021
12:18 pm

क्या है खबर?

भारत सरकार ने कोरोना वायरस की एक और स्वदेशी वैक्सीन की 30 करोड़ खुराकें बुक कर ली हैं। इसके लिए सरकार हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई को 1,500 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करने जा रही है। इन पैसों की मदद से कंपनी अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन का उत्पादन कर इसे भारत सरकार के लिए रिजर्व रखेगी। फिलहाल इस वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है और यह भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के बाद दूसरी स्वदेशी वैक्सीन होगी।

जानकारी

ट्रायल के तीसरे चरण में है वैक्सीन

बायोलॉजिकल ई एक RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन तैयार कर रही है। पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में इस वैक्सीन ने उत्साहजनक नतीजे दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि कंपनी अगस्त से दिसंबर के बीच इन खुराकों का उत्पादन कर स्टॉक तैयार रखेगी। अगले कुछ महीनों में इस वैक्सीन के बाजार में उपलब्ध होने की उम्मीद है। अलग-अलग अध्ययनों में मदद के लिए बायोटेक्नोलॉजी विभाग भी कंपनी को 100 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देगा।

जानकारी

दो खुराकों वाली होगी बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन

बायोलॉजिकल ई की RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्‍सीन कोरोना महामारी फैलाने वाले वायरस SARS-CoV-2 के रिसेप्‍टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) के डिमेरिक फॉर्म का ऐंटीजन के तौर पर इस्तेमाल करती है। वायरस के खिलाफ इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए इसमें CpG 1018 नामक एडजुवेंट भी मिलाया गया है। यह दो खुराकों वाली वैक्सीन होगी और 28 दिन के अंतराल के बाद दूसरी खुराक लगाई जाएगी। फिलहाल देशभर में 15 जगहों पर इसके तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं।

कीमत

सबसे किफायती वैक्सीन होने की उम्मीद

माना जा रहा है कि बायोलॉजिकल ई की वैक्सीन देश की सबसे किफायती वैक्सीन हो सकती है। TOI के साथ बातचीत में कंपनी की प्रमुख महिमा डाटला ने कहा था कि वो वैक्सीन की कीमत की जानकारी नहीं दे सकती, लेकिन इतना भरोसा जरूर देती है कि यह देश में मौजूद सबसे सस्ती वैक्सीन्स में से एक होगी। बायोलॉजिकल ई टेक्सास स्थित नेशनल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन (NSTM) के साथ मिलकर यह वैक्सीन तैयार कर रही है।

कोरोना वायरस वैक्सीन

अन्य वैक्सीन्स की तुलना में हो सकती है इतनी सस्ती

NSTM से जुड़ी डॉ मारिया एलिना बोताजी ने कहा था कि इस वैक्सीन की एक खुराक की कीमत 110 रुपये के आसपास रह सकती है। इसका मतलब है कि इसकी दोनों खुराकों की कीमत 220 रुपये के करीब होगी। अगर ऐसा होता है तो इसके दाम कीमत भारत में इस्तेमाल हो रही कोविशील्ड की कीमत (300 रुपये प्रति खुराक), कोवैक्सिन (400 रुपये प्रति खुराक) और स्पूतनिक-V की कीमत (995 रुपये प्रति खुराक) की तुलना में काफी कम होंगे।

बायोलॉजिकल ई

J&J के साथ मिलकर भी काम करेगी कंपनी

स्वदेशी वैक्सीन तैयार करने के साथ-साथ बायोलॉजिकल ई ने वैक्सीन उत्पादन के लिए अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) से भी हाथ मिलाया है। इसके तहत बायोलॉजिकल ई अमेरिकी कंपनी की एक खुराक वाली वैक्सीन जेनसेन की 60 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेगी। इसके अलावा हैदराबाद स्थित कंपनी ने प्रोविडेंस थेरेपियूटिक्स होल्डिंग से समझौता किया है, जिसके तहत वह भारत में mRNA तकनीक वाली कोरोना वायरस वैक्सीन का उत्पादन करेगी।

कोरोना संकट

देश में चल रही वैक्सीन की कमी

भारत सरकार ने बायोलॉजिकल ई को खुराकों के लिए अग्रिम भुगतान का फैसला ऐसे समय लिया है, जब देश में वैक्सीन की कमी चल रही है। इसके अलावा सरकार को इस बात के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है कि उसने समय रहते हुए कंपनियों के साथ वैक्सीन आपूर्ति के लिए समझौते नहीं किए थे, जिस वजह से अब वैक्सीन की कमी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार की वैक्सीनेशन नीति पर सवाल उठाए हैं।

जानकारी

देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?

देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 22,10,43,693 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 24,26,265 खुराकें लगाई गईं। वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है।