दो नई वैक्सीनों की 9 करोड़ खुराकें हुईं पास, बच्चों पर हो सकता है इस्तेमाल
भारत सरकार की लैब ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोवावैक्स' वैक्सीन और हैदराबाद की कंपनी 'बायोलॉजिकल ई' की 'कोर्बेवैक्स' वैक्सीन की करोड़ो खुराकों को मंजूरी दे दी है। खुराकों की प्रभावशीलता और सेफ्टी जानने के बाद ये मंजूरी दी गई है। अभी इन दोनों वैक्सीनों की खुराकों को जमा किया जा रहा है और जल्द ही वैक्सीनेशन अभियान में इनका इस्तेमाल शुरू हो सकता है। इन वैक्सीनों का बच्चों पर इस्तेमाल होने की संभावना है।
कोर्बेवैक्स की 6 करोड़ और कोवावैक्स की 3.15 करोड़ खुराकों को किया गया पास
न्यूज 18 को प्राप्त जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के कसौली में स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (CDL) सुरक्षा और प्रभावशीलता की जांच करने के बाद पिछले तीन महीने में कोर्बेवैक्स की छह करोड़ खुराकों को पास कर चुकी है। इसी तरह कोवावैक्स की 3.15 करोड़ खुराकों को भी मंजूरी दी जा चुकी है। इसके अलावा अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की 1.85 करोड़ खुराकों को भी पास किया जा चुका है।
दोनों वैक्सीनों का बच्चों पर इस्तेमाल करने की योजना बना रही सरकार
रिपोर्ट के अनुसार, कोर्बेवैक्स और कोवावैक्स का किशोरों और बच्चों के वैक्सीनेसन में इस्तेमाल किया जा सकता है, जो अभी केवल भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' की मदद से किया जा रहा है। वैक्सीनेशन से संबंधित राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह शुक्रवार को इस संबंध में बैठक करेगा और बच्चों पर कोवावैक्स और कोर्बेवैक्स के इस्तेमाल संबंधी डाटा की समीक्षा करेगा। अभी इनमें से किसी भी वैक्सीन को बच्चों पर इस्तेमाल की अनुमति नहीं मिली है।
कोवैक्सिन से होगी कोर्बेवैक्स और कोवावैक्स के डाटा की तुलना
सलाहकार समूह ने शामिल एक विशेषज्ञ ने बताया कि नई वैक्सीनों का इस्तेमाल बूस्टर खुराक के तौर पर या बच्चों के बीच ही संभव है। उन्होंने कहा कि अभी बूस्टर खुराक की खास जरूरत नहीं है क्योंकि ओमिक्रॉन वेरिएंट अधिक एंटीबॉडीज पैदा करता है और डेल्टा वेरिएंट से भी सुरक्षा प्रदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि समूह दोनों वैक्सीनों के डाटा की कोवैक्सिन से तुलना करेगा और अगर उन्हें ठीक पाया जाता है तो बच्चों पर उनका इस्तेमाल होगा।
अभी तक केवल दो वैक्सीनों को मिली है बच्चों पर इस्तेमाल की मंजूरी
बता दें कि देश में अभी तक केवल दो वैक्सीनों को 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों पर इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के अलावा इस सूची में जायडस कैडिला की DNA वैक्सीन भी शामिल है। हालांकि बच्चों पर इस्तेमाल केवल कोवैक्सिन का हो रहा है और जायडस वैक्सीन का इस्तेमाल अभी शुरू नहीं किया गया है। सरकार की ओर से इसका कोई ठोस कारण नहीं बताया गया है।
देश में वैक्सीनेशन की क्या स्थिति?
16 जनवरी, 2021 को शुरू हुए भारत के वैक्सीनेशन अभियान में अब तक 1,67,87,93,137 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं। देश की 75 प्रतिशत वयस्क आबादी को दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 55,10,693 खुराकें लगाई गईं। देश में 3 जनवरी से बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। अभी 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। 10 जनवरी से अधिक जोखिम वाले समूहों को बूस्टर खुराक भी लगाई जा रही है।