दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की खपत को लेकर क्यों आमने-सामने हैं केंद्र और दिल्ली सरकार?
क्या है खबर?
किसी न किसी मुद्दे को लेकर अक्सर झगड़ने वाली केंद्र और दिल्ली की सरकारें अब एक बार फिर से आमने-सामने हैं और इस बार इसका कारण बना है दिल्ली सरकार के ऑक्सीजन की जरूरत को चार गुना बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का दावा करने वाला एक ऑडिट।
ये ऑडिट क्या है और केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा और दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) ने मामले में एक-दूसरे पर क्या आरोप लगाए हैं, आइए विस्तारपूर्वक जानते हैं।
ऑडिट
ऑडिट रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑक्सीजन खपत को लेकर दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट को एक हलफनामा दायर किया है। इस हलफनामे के साथ उसने एक ऑडिट रिपोर्ट भी पेश की है जिसमें दिल्ली की ऑक्सीजन खपत का विश्लेषण किया गया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली सरकार ने शहर की ऑक्सीजन मांग को चार गुना बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था।
रिपोर्ट
"1,140 मीट्रिक टन नहीं, 209 मीट्रिक टन थी दिल्ली की वास्तविक मांग"
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी लहर के दौरान जहां दिल्ली सरकार ने शहर में प्रतिदिन 1,140 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत बताई थी, वहीं ऑडिट में वास्तविक खपत को मात्र 209 मीट्रिक टन पाया गया।
केंद्र सरकार के फॉर्मूले से दिल्ली में ऑक्सीजन की खपत 289 मीट्रिक टन और दिल्ली सरकार के फॉर्मूले से 391 मीट्रिक टन बताई गई है।
चार अस्पतालों पर कम बेड के बावजूद ऑक्सीजन की ज्यादा खपत दिखाने का आरोप लगाया गया है।
भाजपा
भाजपा ने रिपोर्ट पर क्या कहा?
भाजपा ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए रिपोर्ट देने वाले पैनल को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल बताया है और दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है।
भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट करते हुआ कहा, 'अरविंद केजरीवाल अगर आपमें थोड़ी सी भी शर्म बची है तो अभी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करो और दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग को चार गुना दिखाने के लिए देश से माफी मांगो।'
वहीं संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल झूठे हैं।
दूसरा पक्ष
दिल्ली सरकार ने क्या कहा?
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इन आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि ऐसी कोई रिपोर्ट है ही नहीं और भाजपा झूठ बोल रही है।
उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट पैनल की नहीं है, बल्कि एक सब-पैनल की है जो केंद्र सरकार का है। सिसोदिया ने कहा कि इस सब-पैनल ने ये रिपोर्ट मुख्य पैनल को भेजी है जिसने अभी तक इसे मंजूरी नहीं दी है।
उन्होंने भाजपा को अनुमोदित रिपोर्ट पेश करने की चुनौती दी है।
प्रतिक्रिया
अरविंद केजरीवाल क्या बोले?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट करते हुए मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'मेरा गुनाह- मैं अपने 2 करोड़ लोगों की सांसों के लिए लड़ा। जब आप चुनावी रैली कर रहे थे, मैं रात भर जग कर ऑक्सीजन का इंतजाम कर रहा था। लोगों को ऑक्सीजन दिलाने के लिए मैं लड़ा, गिड़गिड़ाया। लोगों ने ऑक्सीजन की कमी से अपनों को खोया है। उन्हें झूठा मत कहिए, उन्हें बहुत बुरा लग रहा है।'
कोरोना का कहर
दिल्ली में दूसरी लहर के दौरान क्या हुआ था?
अप्रैल-मई में देश में आई कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर (दिल्ली में चौथी) के दौरान दिल्ली में हालात बहुत खराब हो गए थे।
शहर में दैनिक मामले 28,000 तक पहुंच गए थे और अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन सबकी किल्लत हो गई थी।
ऑक्सीजन की किल्लत के कारण शहर के कई अस्पतालों में मरीजों की मौत भी हुई थी। केंद्र सरकार के अधिक ऑक्सीजन देने से इनकार करने के बाद दिल्ली सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी।