कृषि कानून: सरकार के बातचीत के न्योते पर आज फैसला ले सकते हैं प्रदर्शनकारी किसान
क्या है खबर?
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठन सरकार के बातचीत के न्योते पर आज फैसला ले सकते हैं।
केंद्र ने गुरुवार को किसानों को बातचीत के लिए न्योता दिया था। शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी और कई केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों से आगे आकर बात करने की अपील की।
इसके बाद 40 में 36 किसान संगठनों की बैठक हुई थी। आज यानी शनिवार को सभी 40 संगठन बैठक कर सरकार के साथ बातचीत पर फैसला लेंगे।
गतिरोध
बेनतीजा रही है पांच दौर की बातचीत
सरकार और किसानों के बीच गतिरोध को समाप्त करने के लिए अब तक पांच दौर की औपचारिक और एक बार अनौपचारिक बैठक हो चुकी है। इसके बावजूद कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है।
सरकार कानूनों में संशोधन की बात कह रही है, लेकिन किसान संगठनों की मांग है कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
बीते सोमवार को भी सरकार ने बातचीत का न्योता भेजा था, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया।
किसान आंदोलन
फिर से बातचीत शुरू होने के मिले संकेत
शुक्रवार को 36 किसान संगठनों की बैठक के बाद किसान नेताओं ने ऐसे संकेत दिए थे कि सरकार के साथ बातचीत फिर से बहाल हो सकती है।
एक किसान नेता ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग पहले की तरह जारी रहेगी।
वहीं कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी उम्मीद जताई है कि अगले दो-तीन में दोनों पक्षों के बीच बातचीत शुरू हो सकती है।
संवाद
शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने किया किसानों से संवाद
शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देश के अलग-अलग हिस्सों के किसानों के साथ संवाद किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि नए कानून किसानों के भले के लिए हैं और सरकार इन कानूनों के विरोधियों से भी बात करने को तैयार है।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि किसानों के मन में जो भी शंका है, उसे बातचीत के जरिये दूर किया जाए।
मांग
सरकार MSP पर खरीद की कानूनी गारंटी क्यों नहीं देती- किसान नेता
प्रधानमंत्री के शुक्रवार को दिए भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान संगठनों ने पूछा कि सरकार MSP पर खरीद की कानूनी गारंटी क्यों नहीं देती?
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि MSP जारी रहेगी। तो फिर उनको इसकी गारंटी देने में डर क्यों लगता है? सरकार इसे लिखित में क्यों नहीं दे रही है?
उन्होंने सरकार के स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने के दावे को भी झूठा बताया है।
बयान
MSP पर सरकार का दावा झूठा- कक्का
कक्का ने कहा कि चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री कहते हैं कि सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कर दी है। उनकी सरकार ने आयोग की सिफारिशों के मुताबिक MSP तय की है, लेकिन अदालत में वो कहते हैं कि ऐसा करना संभव नहीं है।
पंजाब
अमरिंदर सिंह ने की मोबाइल टॉवरों को नुकसान न पहंचाने की अपील
दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से मोबाइल टॉवरों को नुकसान न पहुंचाने की अपील की है।
दरअसल, खबरें आई हैं कि पंजाब के कुछ जिलों में लोग रिलायंस के मोबाइल टॉवरों की बिजली आपूर्ति काट रहे हैं, जिससे इलाके में नेटवर्क की समस्या हो रही है।
इसे देखते हुए अमरिंदर सिंह ने किसानों से ऐसे कदमों के जरिये आम लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी न करने की अपील की है।
मजबूत होता आंदोलन
गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ रहा किसानों का जमावड़ा
ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी ने शुक्रवार को बताया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से बड़ी संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं।
कमेटी की तरफ से जारी बयान के अनुसार लगभग 12,000 किसान दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर पहुंच चुके हैं और बड़ी संख्या में किसानों का आना बाकी है।
ऐसी ही स्थिति शाहजहांपुर में हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर पर देखने को मिली, जहां बड़ी संख्या में किसानों ने इकट्ठे होकर दिल्ली-जयपुर हाइवे को बंद कर दिया।
कृषि कानून
क्या है किसानों के विरोध की वजह?
केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लाई है।
इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।