हरियाणा नहीं, पंजाब के किसान प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार- मनोहर लाल खट्टर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान आंदोलन के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। शनिवार को मीडिया से बात करते हुए खट्टर ने यह भी दावा किया कि पंजाब के मुख्यमंत्री के कार्यालय के पदाधिकारी इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। खट्टर इससे पहले भी एक बार कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को लेकर अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
किसानों के दिल्ली मार्च को लेकर खट्टर ने दिया बयान
गौरतलब है कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने 26-27 नवंबर को दिल्ली मार्च का आह्वान किया था। इसके लिए हजारों की संख्या में पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की तरफ बढ़ रहे थे। इन्हें दिल्ली जाने से रोकने के लिए सरकार ने कई जगह बैरिकेडिंग की थी। सारी बाधाओं को पार करते हुए किसान आखिरकार शुक्रवार को दिल्ली सीमा के पास पहुंच गए। शुक्रवार दोपहर बाद किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिल गई।
पंजाब के किसान कर रहे प्रदर्शन- खट्टर
खट्टर ने कहा, "पंजाब के किसान प्रदर्शन कर रहे थे। हरियाणा के किसान पीछे रहे। हरियाणा के किसानों और पुलिस ने संयम दिखाया, जिसके लिए मैं उनको धन्यवाद देता हूं। पंजाब के मुख्यमंत्री इसके लिए जिम्मेदार हैं और वहीं इस आंदोलन को हवा दे रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री के कार्यालय के पदाधिकारी इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे।" हालांकि, हरियाणा पुलिस की किसानों पर वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले दागने के कारण आलोचना हो रही है।
अमरिंदर सिंह से संपर्क करने का किया था प्रयास- खट्टर
खट्टर ने शनिवार को फिर दोहराया कि उन्होंने किसान मार्च को लेकर अमरिंदर सिंह से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इससे पहले खट्टर ने गुरुवार को ट्विटर पर लिखा था कि वो तीन दिनो से सिंह से संपर्क करने की कोशिश मे हैं, लेकिन वो पहुंच से बाहर हैं। इसी ट्वीट में उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पर चर्चा से भागने का भी आरोप लगाया था।
प्रदर्शन में शामिल थे अवांछित तत्व- खट्टर
गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कर रहे हैं खट्टर- सिंह
वहीं अमरिंदर सिंह ने खट्टर के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो अब उनके फोन का जवाब नहीं देंगे। NDTV से बात करते हुए सिंह ने कहा कि पंजाब किसानों को इसलिए नहीं रोक रहा है क्योंकि प्रदर्शन करना उनका अधिकार है। उन्होंने खट्टर से सवाल करते हुए पूछा कि आप किसानों को क्यों रोक रहे हैं? उन्होंने कहा, "खट्टर अब चाहे तो मुझे 10 बार फोन कर सकते हैं, मैं उनका फोन नहीं उठाउंगा।"
खट्टर और सिंह के बीच चला था आरोप-प्रत्यारोप का दौर
गुरुवार को किए ट्वीट में खट्टर ने सिंह से 'लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़' ने करने की अपील करते हुए कहा था कि अगर इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर संकट आता है तो वो राजनीति छोड़ देंगेे। खट्टर ने सिंह से 'कोरोना काल में घटिया राजनीति' न करने की बात भी कही थी। इसकी प्रतिक्रिया में सिंह ने हैरानी जताते हुए कहा था कि खट्टर को MSP पर किसानों को संतुष्ट करने की जरूरत है।
क्या है कृषि कानूनों का पूरा मामला?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।