कृषि कानून: सरकार बातचीत को तैयार, किसान नेताओं के प्रस्ताव का इंतजार- कृृषि मंत्री
किसानों के तेज होते प्रदर्शन के बीच सरकार का कहना है कि जल्द ही अगली बातचीत की तारीख का फैसला हो सकता है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार दोनों पक्षों के बीच वार्ता की अगली तारीख का फैसला करने के लिए किसानों नेताओं के संपर्क में है। गौरतलब है कि अभी तक सरकार और किसानों के बीच पांच बार औपचारिक बातचीत हो चुकी है, लेकिन गतिरोध का हल नहीं निकल पाया है।
कृषि मंत्री बोले- बैठक जरूर होगी
तोमर ने कहा, "बैठक जरूर होगी। हम किसानों के संपर्क में हैं। सरकार किसी भी समय बातचीत के लिए तैयार है। किसान नेताओं को फैसला कर सरकार को बताना है कि वो अगली बातचीत के लिए कब तैयार हैं।" उन्होंने आगे कहा, "हम बातचीत के लिए तैयार है। अगर किसानों की तरफ से प्रस्ताव आता है, तो सरकार बातचीत करेगी। हम चाहते हैं कि हर प्रावधान पर बात हो। वो हमारे प्रस्ताव पर अपने विचार रखेंगे।"
सोमवार को भूख हड़ताल पर बैठे किसान
तोमर का यह बयान किसानों की भूख हड़ताल के दिन आया है। पिछले महीने से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान सोमवार को तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे थे। इस दौरान जिला मुख्यालयों पर भी प्रदर्शन किए गए। 32 किसान संगठनों ने इस भूख हड़ताल का आह्वान किया था। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) इस आह्वान से अलग रहा और उसने भूख हड़ताल में हिस्सा नहीं लिया था।
हरियाणा-पंजाब के कई जिलों में हुए प्रदर्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसान नेताओं के आह्वान पर पंजाब के लुधियाना, पटियालाय, संगरूर, बरनाला, भठिंडा, मोगा, फरीदकोट, फिरोजपुर और तरणतारण समेत कई जिलों में किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन निकाला और नारेबाजी की। इसी तरह हरियाणा के फतेहाबाद, हिसार, जींद, सिरसा, कुरुक्षेत्र, गुरूग्राम, फरीदाबाद, भिवानी, कैथल और अंबाला आदि जिलों में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों को आज 19वां दिन है।
भूख हड़ताल समाप्त करते किसान
आम आदमी पार्टी ने किया किसानों का समर्थन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार के कई मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेताओं और समर्थकों ने किसानों के समर्थन में सोमवार को उपवास रखा। मीडिया को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि आज देश संकट में है क्योंकि किसान संकट में है। उन्होंने आगे कहा कि अभी तक जमाखोरी करना अपराध था, लेकिन सरकार ने कानून बनाकर इसे वैध कर दिया है। उन्होंने केंद्र से तीनों कानून वापस लेने की मांग की है।
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।