किसान आंदोलन: दुष्यंत चौटाला ने तोड़ी चुप्पी, कहा- केंद्र सरकार ने स्वीकार की MSP की मांग
केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को नकारने के बाद अब किसानों और सरकार में तकरार बढ़ गई है। इसके साथ अब हरियाणा के किसान भी बड़ी संख्या में सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पहुंचने लगे हैं। इसी बीच हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (JJP) नेता दुष्यंत चौटाला ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने MSP की मांग को स्वीकार कर लिया है, अब फैसला किसान संघों पर है।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री को झेलना पड़ रहा है किसानों का विरोध
बता दें कि मामले में अब तक चुप्पी साधे रखने को लेकर उपमुख्यमंत्री चौटाला को किसानों का विरोध झेलना पड़ रहा है। यही कारण है कि बुधवार को टि्वटर पर उपमुख्यमंत्री को लेकर किया गया ट्वीट 'दुष्यंत किसान या कुर्सी' 1.6 लाख रीट्वीट के साथ वायरल हो गया। किसानों का कहना है कि JJP उनके समर्थन से ही विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी और जरूरत पड़ने पर उपमुख्यमंत्री चुप्पी साधकर बैठे हैं।
केंद्र सरकार ने पूरी की किसानों की मांग- चौटाला
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार चौटाला ने गुरुवार को चंडीगढ़ में कहा, "किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार को लिखित में न्यूनमत समर्थन मूल्य (MSP) पर आश्वासन देना चाहिए और सरकार ने बुधवार को पूरा कर दिया। अब किसान यूनियनों पर निर्भर है कि वह क्या निर्णय करते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "जब सरकार की ओर से लिखित में आश्वासन दिया जा रहा है तो मुझे नहीं लगता कि इस मामले को आगे बढ़ाना चाहिए। अब फैसला किसानों पर है।"
मैं पहले किसान हूं- चौटाला
कई JJP नेताओं के किसानों के पक्ष में बोलने के सवाल पर चौटाला ने कहा, "मैं पहले एक किसान हूं। मैंने ऐसा कब मना किया, लेकिन किसान को उसकी फसल का पर्याप्त मूल्य दिलाना हमारी जिम्मेदारी है।" उन्होंने आगे कहा, "पिछली खरीद और इस खरीद में हमारी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि किसानों की उपज का पैसा उनके बैंक खाते में जाए। पंजाब भी आज तक ऐसा नहीं कर सका और राजस्थान में तो प्रक्रिया तक शुरू नहीं हुई।"
सरकार भविष्य में करती रहेगी फसलों की खरीद- चौटाला
चौटाला ने कहा, "हम आश्वस्त देते हैं कि भविष्य में किसानों की फसलों की खरीद करेंगे और किसानों के बैंक खाते में इसके लिए पूरे पैसे भी जमा कराए जाएंगे। हमें उम्मीद है जब MSP पर लिखित रूप से गारंटी आएगी तो अन्य राज्यों के किसानों द्वारा उठाई जाने वाली मांगें भी पूरी हो जाएंगी।" बता दें कि किसान पिछले कई दिनों से MSP पर लिखित गारंटी देने की मांग कर रहे थे, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
किसानों की सुरक्षा का रखा जा रहा है ध्यान- चौटाला
चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार विरोध स्थलों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों, रेड क्रॉस स्टाफ और स्वच्छता कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है।
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मुख्यमंत्री खट्टर ने किया कानूनों का समर्थन
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विवादित नए कानूनों का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने कहा, "हम हरियाणा में MSP पर फसलों की खरीद कर रहे हैं। आने वाले समय में भी MSP पर खरीद की जाएगी। कांग्रेस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी MSP पर सहमति जताई थी। हम हमेशा किसानों के कल्याण के बारे में सोचते हैं।" उन्होंने कहा कि किसानों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधानसभा से भाग खड़ी हुई थी।
किसानों ने बुधवार को खारिज कर दिया था सरकार का प्रस्ताव
बता दें कि सरकार ने बुधवार को किसानों को 20 पन्नों का प्रस्ताव भेजा था। इसमें MSP व्यवस्था जारी रखने, APMC एक्ट में बदलाव करने, निजी कंपनियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने और टैक्स लगाने तथा कृषि भूमि की कुर्की के संबंध विचार करने की बात कही थी। इसके बाद शाम को हुई किसान नेताओं की बैठक में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था। किसानों ने कहा था कि कानूनों को वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा।
किसानों ने किया है 14 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन का ऐलान
सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के साथ किसानों ने 14 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। किसानों की बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा था कि वह 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर हाईवे को जाम करेंगे। इसके अलावा 12 दिसंबर को पूरे देशभर के टोल प्लाजा फ्री कराए जाएंगे। इसी तरह 14 दिसंबर को पूरे देश में धरना प्रदर्शन होगा। रिलायंस के खिलाफ विरोध किया जाएगा और भाजपा नेताओं के ऑफिसों का घेराव किया जाएगा।