किसान आंदोलन में तेजी से बढ़ रही हरियाणा के किसानों की संख्या, जानिए क्या है कारण
क्या है खबर?
कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांगों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन में अब हरियाणा के किसानों की संख्या में तेजी से इजाफा होने लगा है।
गत 25 नवंबर से सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजियाबाद बॉर्डर पर किसानों की भीड़ जुटी हुई है और प्रतिदिन किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
शुरुआत में इनमें हरियाणा के किसानों की संख्या काफी कम थी, लेकिन अब उनकी संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।
कारण
हरियाणा के गांवों में होने लगा है किसानों का विरोध
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार किसान आंदोलन में हिस्सा नहीं लेने वाले हरियाणा के किसानों को अब उनके गांवों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। गांव के लोग आंदोलन में नहीं जाने वाले किसानों को 'गद्दार' के नाम से संबोधित कर रहे हैं।
इसको देखते हुए किसानों का आत्मबल जाग उठा है और वह धीरे-धीरे सिंघु और टिकरी बॉर्डर का रुख कर रहे हैं। अब दोनों बॉर्डर पर हरियाणा और पंजाब के किसानों की संख्या बराबर दिख रही है।
बयान
आंदोलन में नहीं जाने वालों को कहा जा रहा है गद्दार- खाप नेता
फतेहाबाद के खाप नेता सुबे सिंह ने कहा क्षेत्र से आंदोलन में शामिल होने नहीं जाने वाले किसानों को गद्दार कहकर संबोधित किया जा रहा है। ऐसे में अब वह आंदोलन में शामिल होने लगे हैं।
इसी तरह जींद की खाप के नेता टेकराम कंडेला ने कहा कि किसान सरकार के कानूनों से संतुष्ट नहीं है। ऐसे में सभी किसान 40 सदस्यीय समिति के निर्णय का समर्थन करेंगे।
बता दें कि कंडेला वर्तमान में भाजपा सरकार के साथ हैं।
मदद
आंदोलनकारी किसानों को मदद भी पहुंचा रहे हरियाणा के किसान
हरियाणा के किसान न केवल आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं, बल्कि आंदोलनकारी किसानों को राशन सामग्री सहित अन्य मदद भी पहुंचा रहे हैं।
जींद के करसोला गांव के ग्रामीणों ने आंदोलनकारियों को 50 क्विंटल लड्डू भेजे हैं तो उझाना के ग्रामीणों ने 10,000 लीटर दूध भेजा है।
इसी तरह मनोहरपुर के ग्रामीणों ने 1,000 लीटर दूध तो पौली के ग्रामीणों ने आंदोलनकारियों की मदद के लिए पांच लाख रुपये एकत्र किए हैं।
उत्तेजित
हरियाणा सरकार ने किया किसानों को उत्तेजित
JJP के एक नेता ने कहा कि हरियाणा पुलिस ने किसानों को दिल्ली जाने से रोककर उत्तेजित करने का काम किया है। यदि सरकार किसानों को बिना रोके दिल्ली में दाखिल होने दे देती तो किसान वहां जाकर रैली निकालकर वापस लौट जाते, लेकिन सरकार ने उन्हें रोककर क्रोधित कर दिया।
उन्होंने कहा कि अब किसान अपने साथ राशन सामग्री लेकर आंदोलन में शामिल हो रहे हैं और यह आंदोलन तेजी से उग्र होता नजर आ रहा है।
विरोध
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री को झेलना पड़ रहा है किसानों का विरोध
हरियाणा के किसानों में आंदोलन के प्रति बढ़ते समर्थन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला को किसानों का विरोध झेलना पड़ रहा है।
बुधवार को टि्वटर पर उपमुख्यमंत्री को लेकर किया गया ट्वीट 'दुष्यंत किसान या कुर्सी' पर 1.6 लाख रीट्वीट का साथ वायरल हो गया।
बता दें कि जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत सिंह ने किसानों के दम पर ही विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।
जानकारी
हरियाणा सरकार कर रही है कृषि कानूनों का समर्थन
हरियाणा में भाजपा के नेतृत्व में गठबंधन सरकार है। सरकार नए कृषि कानूनों का विरोध नहीं कर रही है और विरोध करने वाले किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक रही है। विपक्ष और पंजाब के मुख्यमंत्री भी इस पर सवाल उठा चुके हैं।
बयान
लगातार बढ़ रही है हरियाणा के किसानों की संख्या- कोथ
सिंघु बॉर्डर पर हिसार के किसान नेता सुरेश कोथ ने बताया यहां अब हरियाणा के किसानों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। वर्तमान में कुल किसानों में से 40 प्रतिशत हरियाणा के और शेष पंजाब के हैं।
इसी तरह टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल फतेहाबाद के किसान नेता मनदीप नथवान ने कहा कि यहां पंजाब और हरियाणा के किसानों की संख्या बराबर है, लेकिन आगामी एक सप्ताह में हरियाणा के किसानों की संख्या अधिक हो जाएगी।
नजर
मौका स्थिति पर रखी जा रही है पैनी नजर- DGP
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) मनोज यादव का कहना है कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए मौका स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है। पुलिस अधिकारी लगातार किसान नेताओं कें संपर्क में हैं।
उन्होंने बताया गांवों में किसान नेता आंदोलन में जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था कर रहे हैं। वह सुबह जाते हैं और शाम को वापस लौट आते हैं। हालांकि, अब अधिकतर किसानों ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर ठहरना शुरू कर दिया है।