केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे का दावा- किसान आंदोलन के पीछे पाकिस्तान और चीन का हाथ
केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने बुधवार को दावा किया कि तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है। हालांकि, उन्होंने अपने दावे की पुष्टि के लिए कोई साक्ष्य पेश नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर मुसलमानों को भड़काया गया था, लेकिन प्रयास सफल नहीं हुआ। अब किसानों को भड़काने की साजिश हो रही है।
किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं?
केंद्र सरकार ने कृषि सुधार के लिए तीन नए कानून बनाए हैं। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।
दूसरे देशों की साजिश है किसान आंदोलन- दानवे
उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री दानवे बुधवार को महाराष्ट्र के जालना जिले के बदनापुर तालुका में स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह किसानों का आंदोलन नहीं है। इसके पीछे पाकिस्तान और चीन का हाथ है। इससे पहले मुसलमानों को भड़काया गया था कि नागरिकता कानून आ रहा है और छह महीनों के भीतर उन्हें देश छोड़ना होगा। अब आप बताओ कि क्या मुसलमानों को देश छोड़ना पड़ा? ये प्रयास सफल नहीं हुआ।
किसानों को गुमराह किया जा रहा है- दानवे
दानवे ने कहा कि अब किसानों को गुमराह किया जा रहा है। उन्हें कहा जा रहा है कि इन कानूनों से उन्हें नुकसान होगा। ये दूसरे देशों की साजिश है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वो किस आधार पर यह दावा कर रहे हैं। दानवे ने अपने संबोधन में आगे कहा कि नरेंद्र मोदी किसानों के प्रधानमंत्री हैं और उनके फैसले किसानों के खिलाफ नहीं हो सकते। सरकार किसानों के भले के लिए काम कर रही है।
हरियाणा के मंत्री भी बता चुके आंदोलन के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ
दानवे से पहले हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल भी किसानों के प्रदर्शन के पीछे विदेशी ताकतें होने का दावा कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि किसानों के इस आंदोलन के पीछे विदेशी ताकतों, चीन और पाकिस्तान का हाथ हैं। ये भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। दानवे की तरह दलाल ने भी अपने दावे की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं दिया था। उन्होंने किसानों से सद्बुद्धि से काम लेने की बात कही थी।
किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव, आंदोलन होगा तेज
नए कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांग को लेकर पिछले तीन महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई है। मामले के निपटारे के लिए बुधवार को केंद्र ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर लिखित आश्वासन देने समेत कई प्रस्तावों वाला मसौदा भेजा था, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया। किसानों ने 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करने और 14 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।