फिर भिड़े हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री, अमरिंदर बोले- किसानों को हरियाणा में क्यों रोका?
क्या है खबर?
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे पंजाब और हरियाणा के किसानों के प्रदर्शन के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बीच जुबानी जंग तेजी से बढ़ती जा रही है।
रविवार को मुख्यमंत्री खट्टर ने कोरोना महामारी के बीच जारी किसान आंदोलन पर चिंता जताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री की नीति पर सवाल खड़े किए तो अमरिंदर सिंह ने भी खट्टर पर जवाबी हमला बोल दिया।
प्रकरण
अमरिंदर सिंह ने पंजाब में किसानों को प्रदर्शन की अनुमति क्यों दी- खट्टर
मुख्यमंत्री खट्टर ने रविवार को कहा कि उन्होंने कोरोना महामारी की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए हरियाणा में किसानों को प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी। ऐसे में वह पूछना चाहते हैं कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने महामारी के इस दौर में पंजाब में किसानों को प्रदर्शन की अनुमति कैसे दे दी।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि हरियाणा में कोरोना वायरस के चलते कोई खतरनाक परिस्थिति बनी तो उसके लिए पंजाब सरकार ही जिम्मेदार होगी।
जवाब
हरियाणा सरकार ने किसानों को क्यों रोका- अमरिंदर सिंह
मुख्यमंत्री खट्टर के बयान के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री खट्टर किसानों के कारण हरियाणा में कोरोना महामारी के बढ़ने को लेकर चिंतित है तो उन्होंने किसानों को हरियाणा में रोकने का प्रयास क्यों किया। उन्हें तो किसानों को जल्दी से जल्दी दिल्ली जाने की अनुमति देनी चाहिए थी।
उन्होंने यह भी कहा कि महामारी के मामले में हरियाणा का ट्रैक रिकॉर्ड पहले से ही खराब है।
शुरुआत
अमरिंदर सिंह के किसानों पर की गई कार्रवाई पर नाराजगी जताने से शुरू हुआ विवाद
बता दें कि दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच जुबानी जंग हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को रोकने के लिए किए गए बल प्रयोग पर नाराजगी जताने के बाद से शुरू हुई है।
उन्होंने कहा था कि जिस तरह से पंजाब के किसानों पर वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करने के साथ लाठीचार्ज किया गया, वह सही नहीं था। उसमें कई किसान घायल हो गए। उन्होंने हरियाणा सरकार की कार्रवाई पर कई गंभीर सवाल भी खड़े किए थे।
सफाई
मुख्यमंत्री खट्टर ने दी थी यह सफाई
कैप्टन अमरिंदर सिंह के नाराजगी जताने पर खट्टर ने कहा था कि उन्होंने किसानों पर वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल नहीं किया है।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कई बार अमरिंदर सिंह से बात करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
इस पर अमरिंदर सिंह ने कहा था कि खट्टर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कोई फोन नहीं किया, लेकिन यदि वह फोन करेंगे तो वह उनसे बात नहीं करेंगे।
प्रदर्शन
किसानों का प्रदर्शन जारी, ठुकराया अमित शाह का प्रस्ताव
बता दें कि दिल्ली चलो मार्च के तहत 30 किसान संगठनों के किसान शनिवार को भी सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर ही डटे रहे।
उन्होंने बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह के किसानों के बुराडी पहुंचने पर वार्ता करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। किसानों ने बुराडी को खुली जेल करार देते हुए वहां जाने से इनकार कर दिया।
इसके अलावा उन्होंने सिंघु बॉर्डर पर डटकर प्रदर्शन करने तथा दिल्ली का घेराव करने का निर्णय किया है।
जानकारी
बीते कई दिन से सड़कों पर हैं किसान
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में कई राज्यों, विशेषकर पंजाब और हरियाणा के किसान 25 नवंबर से ही दिल्ली मार्च पर निकले हुए हैं और उन्हें दिल्ली पहुंचने से रोकने की हरियाणा पुलिस की तमाम कोशिशें नाकाम रही हैं।