दिल्ली: बिना उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट और कलर कोडेड स्टीकर वाले वाहनों पर जुर्माना लगना शुरू
दिल्ली के परिवहन विभाग ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था। इसके तहत जिन वाहनों पर उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट (HSRP) और कलर कोडेड स्टीकर नहीं लगें होंगे, उन्हें 15 दिसंबर से जुर्माना भरना होगा। इससे पहले विभाग ने नोटिस जारी कर सभी वाहनों के मालिकों से वाहनों पर HSRP और कलर कोडेड स्टीकर लगवाने के लिए आग्रह किया था। साथ ही इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी दी थी। अब जुर्माना लग्न शुरू हो गया है।
दिल्ली के नौ जिलों में आज से लगने लगा जुर्माना
जानकारी के लिए बता दें कि जिन वाहन पर HSRP और कलर कोडेड स्टीकर नहीं लगे हैं, इन पर मोटर वाहन (MV) अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा HSRP और कलर कोडेड स्टीकर लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है। आज से दिल्ली के 11 जिलों में से नौ में इस नियम का पालन न करने वाले वाहनों के मालिकों पर जुर्माना लगना शुरू हो गया है।
लगेगा कितना जुर्माना?
इस नियम का पालन ठीक से हो रहा है या नहीं, इसका निरीक्षण करने के लिए टीम्स बनाई गई हैं, जिन्हें नौ जिलों में तैनात किया गया है। HSRP और कलर कोडेड स्टीकर न होने वाले वाहनों के मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस नियम को तोड़ने पर लोगों को 5,500 रुपये का जुर्माना भरना होगा। जुर्माने की रकम इसलिए ज्यादा रखी गई है ताकि लोग इस नियम का पालन करें।
इन वाहनों पर नहीं लगेगा जुर्माना
उन लोगों को भी जुर्माना नहीं भरना होगा, जिन्होंने HSRP और कलर कोडेड स्टीकर के लिए आवेदन किया होगा। उन्हें केवल ट्रैफिक पुलिस को अपने द्वारा इनके लिए किया गया आवेदन दिखाना होगा। इसके साथ ही वर्तमान में अन्य राज्यों में पंजीकृत वाहनों पर भी जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। बता दें कि परिवहन विभाग के अनुसार, 40 लाख वाहन (कार और दोपहिया वाहनों को मिलाकर) ऐसे हैं, जिनमें HSRP नहीं लगी है।
क्या होंगे इसके फायदे?
HSRP को अल्युमिनियम से बनाया जाता है। इस पर लगे स्टीकर पर वाहन का इंजन और चेसिस नंबर लिखा जाता है। इसको मिटाया नहीं जा सकता। इसके लगने से वाहनों की चोरी की घटनाओं पर रोक लगेगी। वहीं, कलर कोडेड स्टीकर लगवाने से वाहन में कौन सा ईंधन उपयोग हो रहा है, यह पता चलेगा। बता दें कि इनके लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा 1 नवंबर से शुरू हो गई थी और 7 नंवबंर तक चली थी।