किसानों ने ठुकराया केंद्र सरकार का प्रस्ताव, 14 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन का ऐलान
क्या है खबर?
नए कृषि कानूनों को निरस्त कराने की मांग को लेकर पिछले तीन महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच रार बढ़ती जा रही है।
मामले के निपटारे के लिए बुधवार को केंद्र सरकार ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर लिखित आश्वासन देने सहित अन्य मांगों पर प्रस्ताव भेजा था, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया।
किसानों ने 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करने और 14 दिसंबर को देशभर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
बैठक
मंगलवार को हुई थी अमित शाह के साथ बैठक
गृह मंत्री अमित शाह के साथ मंगलवार रात को किसानों की बैठक हुई थी। जिसमें तय हुआ था कि सरकार बुधवार को किसानों को अपना प्रस्ताव भेजेगी।
इसके बाद केंद्र सरकार के साथ बुधवार को होने वाली बैठक रद्द हो गई थी।
हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा था कि सरकार कानूनों में संशोधन की बात कर रही है और किसान कानूनों को निरस्त कराना चाहते हैं, ऐसे में बैठक करने का कोई औचित्य नहीं।
प्रस्ताव
आज सरकार ने किसानों को भेजा था यह प्रस्ताव
प्रस्ताव में सरकार ने कहा है कि MSP की व्यवस्था खत्म नहीं होगी। यह जारी रहेगी और सरकार इस पर लिखित आश्वासन देने को तैयार है। APMC एक्ट में बड़ा बदलाव होगा। साथ ही किसानों की शंकाओं का समधान करते हुए सरकार निजी कंपनियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करेगी और उन पर टैक्स लगेगा।
सरकार ने अनुबंध खेती में किसानों को अदालत जाने का हक देने और अलग फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की बात कही है।
प्रस्ताव
कुर्की के संबंध में विचार की बात
बतौर रिपोर्ट्स, कृषि भूमि की कुर्की के संबंध में इस प्रस्ताव में विचार करने की बात लिखी गई है, लेकिन कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।
किसान की जमीन पर बनाए गए किसी ढांचे पर खरीदार कोई कर्ज नहीं ले सकेगा और न ही वह इस ढांचे को बंधक रख पाएगा।
किसानों की जमीन पर बड़े व्यापारियों के कब्जे की आशंका के बारे में कहा गया है कि इसे लेकर कानून में प्रावधान किया जा चुका है।
बयान
खारिज किया सरकार का प्रस्ताव- दर्शन पाल
सरकार की ओर से दोपहर प्रस्ताव भेजे जाने के बाद किसानों ने बैठक कर इस पर चर्चा करने का निर्णय किया था। सिंघु बॉर्डर पर हुई किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
बैठक के बाद क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि उन्होंने सरकार के प्रस्तावों को खारिज कर दिया है।
किसान नेताओं ने कहा कि वह अब आगामी 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर हाईवे जाम करेंगे।
योजना
किसानों ने इस तरह बनाई है आगे के आंदोलन की योजना
किसानों ने आगे की रणनीति बताते हुए कहा कि आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि अब किसान सिंघु बॉर्डर पार कर दिल्ली की तरफ कूच कर सकते हैं।
दिल्ली-जयपुर हाईवे को जाम करने के साथ 12 दिसंबर को पूरे देशभर के टोल प्लाजा फ्री कराए जाएंगे। इसी तरह 14 दिसंबर को पूरे देश में धरना प्रदर्शन होगा।
रिलायंस के खिलाफ विरोध किया जाएगा और भाजपा नेताओं के ऑफिसों का घेराव किया जाएगा।
मुलाकात
विपक्षी दलों के नेताओं ने की राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात
किसानों के समर्थन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी प्रमुख सीताराम येचुरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार, CPI के डी राजा और DMK के एलंगोवन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने किसानों की मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा।
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से कानूनों को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन कानूनों से किसान दुखी है। ऐसे में वह आंदोलन के लिए मजबूर हैं।
विरोध
क्या है किसानों के विरोध का कारण?
सितंबर में लागू किए गए कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे किसानों ने गत 25 नवंबर से अपने आंदोलन को तेज कर दिया। उन्होंने सरकार के खिलाफ 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया था।
किसानों को डर है कि APMC मंडियों के बाहर व्यापार की अनुमति देने वाले कानून मंडियों को कमजोर कर देंगे और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिलेगा। इसके चलते कॉरपोरेट जगह के लोग किसानों का शोषण करेंगे।