पेगासस जासूसी कांड: केंद्र सरकार का राष्ट्रीय सुरक्षा के कारण हलफनामा दाखिल करने से इनकार
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने पेगासस जासूसी कांड में सुप्रीम कोर्ट में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने से इनकार कर दिया है। आज सरकार ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि उसके पास मामले में छिपाने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कारणों की वजह से वह हलफनामा नहीं दाखिल कर सकती।
सरकार ने कहा कि आतंकवादियों को ये जानने नहीं दिया जा सकता कि वे कौन सा सॉफ्टवेयर उपयोग कर रहे हैं।
दलील
सरकार ने क्या कहा?
सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा के हित को देखते हुए सरकार ने पेगासस स्पाईवेयर इस्तेमाल किया या नहीं, इसकी जानकारी हलफनामे में नहीं दी जा सकती।"
उन्होंने कहा कि अगर सरकार बता दे कि वह किसी विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रही है या नहीं कर रही है तो ये आतंकवादियों को तकनीक की काट करने का मौका देगा और ऐसा नहीं होने दिया जा सकता।
बयान
सरकार ने दिया विशेषज्ञों से जांच का विकल्प
दूसरा रास्ता सुझाते हुए मेहता ने कहा कि मामले में डोमेन विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जा सकती है जो पूरे केस की जांच करेगी। उन्होंने कहा कि इन विशेषज्ञों का सरकार से कोई संबंध नहीं होगा और ये अपनी रिपोर्ट सीधे कोर्ट को सौंपेंगे।
सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा न दाखिल करने के लिए सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की।
CJI रमना ने कहा, "आप बार-बार उसी बात पर वापस जा रहे हैं। हम जानना चाहते हैं कि सरकार क्या कर रही है। हम राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर जा ही नहीं जा रहे हैं। हमारी चिंता लोगों (की निजता) के बारे में है। समिति की नियुक्ति कोई मुद्दा नहीं है। हलफनामे इसलिए जरूरी है ताकि पता चले कि सरकार कहां खड़ी है।"
बयान
लोगों के फोन हैक होने को लेकर चिंतिंत- जस्टिस सूर्यकांत
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "हम केवल लोगों के फोन हैक होने को लेकर चिंतिंत हैं। किसी एजेंसी के पास इसके अधिकार हैं और इसकी मंजूरी दी गई या नहीं.. लोग कह रहे हैं कि उनकी निजता का उल्लंघन हुआ है।"
याचिकाकर्ता
सरकार जवाब नहीं देगी तो माना जाएगा पेगासस का इस्तेमाल कर रही है- कपिल सिब्बल
दो याचिकाकर्ताओं ने वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखते हुए कहा, "हम केवल ये जानना चाहते हैं कि क्या पेगासस का इस्तेमाल हुआ था... हम राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित नहीं करना चाहते। अगर पेगासस के इस्तेमाल से आम नागरिकों को निशाना बनाया गया था तो ये बेहद गंभीर है... अगर सरकार कह रही है कि वह हलफनामा दाखिल नहीं करेगी तो माना जाना चाहिए कि पेगासस का अवैध इस्तेमाल हो रहा है।"
जासूसी कांड
क्या है पेगासस जासूसी कांड?
जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर कई देशों के पत्रकारों, नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और चर्चित हस्तियों की फोन के जरिये जासूसी की गई या इसकी कोशिश की गई।
इन लोगों में राहुल गांधी और प्रशांत किशोर समेत विपक्ष के कई नेता, मोदी सरकार के दो मंत्री, कई संवैधानिक अधिकारी और पत्रकार, अनिल अंबानी और CBI के पूर्व प्रमुख आलोक वर्मा समेत कई नाम शामिल थे।