इसी साल NDA परीक्षा में शामिल हो सकेंगी महिलाएं, सुप्रीम कोर्ट खारिज की केंद्र की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और नौसेना अकादमी में अगले साल से प्रवेश देने की अनुमति देने की केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की याचिका को खारिज करते हुए महिलाओं को नवंबर में होने वाली NDA में प्रवेश परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि वह महिलाओं को उनके अधिकारी से वंचित नहीं करना चाहता है।
अधिवक्ता कुश कालरा ने उठाया था मुद्दा
बता दें कि महिलाओं को NDA और नौसेना अकादमी में प्रवेश नहीं दिए जाने के खिलाफ अधिकक्ता कुश कालरा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से पात्र महिलाओं को NDA और नौसेना अकादमी में प्रवेश नहीं देने के निर्णय को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार का यह रुख लिंग समानता के मौलिक अधिकार का पूरी तरह उल्लंघन है।
जेंडर के आधार पर बहिष्कार महिलाओं के समान अधिकारों का उल्लंघन
याचिकाकर्ता कालरा ने दलील दी थी कि महिलाओं को NDA में प्रशिक्षित करके स्थायी कमीशन अधिकारी के रूप में तैयार करने और देश के सशस्त्र बलों में शामिल करने में उन्हें जेंडर के आधार पर रोकना मौलिक अधिकार और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16 और 19 का उल्लंघन है। उन्होंने कहा था महिलाओं के साथ भेदभाव नही होना चाहिए। दिवंगत रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी महिलाओं को NDA में भर्ती किए जाने की वकालत की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को दी थी परीक्षा में बैठने की अनुमति
मामले में गत 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को भी NDA और नौसेना अकादमी में प्रवेश के लिए आयोजित परीक्षा में बैठने देने का अंतरिम आदेश पारित कर दिया था। उस दौरान कोर्ट ने परीक्षा में बैठने के लिए बनाए नियमों को लेकर सेना और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए उनके नियमों को लिंगभेद पर आधारित होना बताया था। 5 सितंबर को हुई परीक्षा में आदेश लागू करने का फैसला केंद्र सरकार पर छोड़ा था।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी थी फैसले की जानकारी
मामले में 8 सितंबर को सुनवाई में केंद्र ने कोर्ट से कहा था कि रक्षा सेनाओं के प्रमुखों और सरकार ने आपसी बैठक में तय कर लिया है कि अब महिलाओं को NDA और नौसेना अकादमी में प्रशिक्षण के बाद स्थाई कमीशन अधिकारियों के रूप में नियुक्त किया जाएगा। सरकार और सेना इसकी नीति और प्रक्रिया तय कर रही है। केंद्र सरकार के समय मांगने पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे लागू करने के लिए 10 दिन का समय दिया था।
NDA ने दी महिलाओं के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी
NDA के मौजूदा निदेशक कैप्टन शांतनु शर्मा ने हलफनामे में बताया कि महिला कैडेट्स को अधिकारी बनाने के लिए ट्रेनिंग के इंतजाम और उनके मानक तय किए जा रहे हैं। महिला कैडेट्स के रहने के इंतजाम के साथ अर्दली, ड्यूटी अफसर और ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर्स के अलावा प्रशासनिक और अन्य प्रकार की ट्रेनिंग के मानदंड भी बनाए जा रहे है। इनके अलावा अकादमी और अस्पताल में गायनिकोलोजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, स्पोर्ट्स मेडिसिन एक्सपर्ट्स, काउंसलर, नर्सिंग स्टाफ आदि की भर्ती की जा रही है।
केंद्र सरकार ने की मई 2022 से फैसले को लागू करने की मांग
मामले में बुधवार को हुई सुनवाई में केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सरकार महिलाओं को मई 2022 से NDA की परीक्षा में बैठाने की व्यवस्था कर रही है। इसकी तैयारियों के लिए छह महीने का समय दिया जाना चाहिए। इस पर जस्टिस संजय किशन कौल और हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने इसे खारिज करते हुए फैसले को 14 नवंबर को आयोजित होने वाली परीक्षा से ही लागू करने का आदेश दिया।
एक साल की देरी सब कुछ खत्म कर देगी- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "एक साल की देरी सब कुछ खत्म कर देगी। महिलाओं की आकांक्षाओं को देखते हुए केंद्र की मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हम केंद्र की परेशानियों को समझते हैं, लेकिन विशेषज्ञ समिति द्वारा इसे अंतिम रूप देने के अधीन हम कुछ अस्थायी आवश्यकताओं को देने के लिए थोड़ा रास्ता देंगे।" कोर्ट ने कहा, "सशस्त्र बलों को कठिन परिस्थितियों से निपटने का प्रशिक्षित दिया जाता है और वह इससे भी निपटने में सक्षम होंगे।"
समस्या होने पर कोर्ट को सूचित कर सकती है सरकार- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा मई 2022 से अनुमति देने पर महिलाएं 2023 में NDA में शामिल होंगी। अब शुरुआत करने का समय आ गया है। कोई समस्या आती है तो सरकार कोर्ट को सूचित कर सकती है। अगली सुनवाई जनवरी के तीसरे सप्ताह में होगी।