केंद्र ने फिर दिया दिल्ली की AAP सरकार को झटका, घर-घर राशन योजना पर रोक लगाई
हमेशा अपने अधिकारों के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ खड़ी होने वाली राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को शनिवार को केंद्र ने फिर से बड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार द्वारा अगले सप्ताह से शुरू की जाने वाली 'घर-घर राशन' योजना पर रोक लगा दी है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी 72 लाख राशन कार्डधारकों के घर तक राशन पहुंचाने की योजना बनाई थी।
क्या है दिल्ली सरकार की 'घर-घर राशन' योजना?
बता दें कि घर-घर राशन योजना दिल्ली सरकार के सबसे खास प्रोजेक्ट में से एक है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनवरी में लोगों को राशन के लिए कतार में खड़े होने की परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन' योजना शुरू करने का ऐलान किया था। सरकार ने इस योजना को पहले 25 मार्च से शुरू करने की घोषणा की थी। इसके तहत शुरुआत में सीमापुरी इलाके के 100 घरों का चयन भी कर लिया गया था।
केंद्र सरकार की रोक के कारण शुरू नहीं हो पाई थी योजना
दिल्ली सरकार की तैयारियों की बीच केंद्र सरकार ने 19 मार्च को योजना पर रोक लगा दी थी। उस दौरान केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस जगन्नाथन ने दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि राशन वितरण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत किया जाता है। इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है। ऐसे में दिल्ली सरकार नियमानुसार इन योजना की शुरुआत नहीं कर सकती है।
केंद्र ने दिया था योजना का नाम नहीं बदले जाने का तर्क
संयुक्त सचिव ने कहा था कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्यों को राशन मुहैया कराती है और कोई भी राज्य किसी अन्य नाम से इसे लागू नहीं कर सकता है। इसके नाम में बदलाव संसद से ही किया जा सकता है।
दिल्ली सरकार ने योजना के नाम में किया था बदलाव
केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद दिल्ली सरकार ने योजना का नाम 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन' से बदलकर 'घर-घर राशन' कर दिया था। इसके बाद इसे नए सिए से 12 अप्रैल से ट्रायल के रूप में शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन के कारण इसे स्थगित कर दिया था। मामलों में कमी आने के बाद दिल्ली सरकार ने अगले सप्ताह इस योजना को शुरू करने का निर्णय किया था।
केंद्र सरकार ने योजना पर फिर से लगाई रोक
दिल्ली सरकार की तमाम तैयारियों के बीच केंद्र सरकार ने अब फिर से इस पर रोक लगा दी है। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दो कारणों का हवाला देते हुए राशन की घर-घर डिलीवरी योजना के कार्यान्वयन की फाइल को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने अभी तक इस योजना को मंजूरी नहीं दी है और कोर्ट में इसके खिलाफ एक मामला भी चल रहा है। ऐसे में इसे शुरू नहीं किया जा सकता है।
योजना शुरू करने के लिए नहीं है किसी अनुमोदन की आवश्यकता- हुसैन
दिल्ली के खाद्य आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने कहा, "मौजूदा कानून के अनुसार ऐसी योजना शुरू करने के लिए किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा योजना के नाम के संबंध में केंद्र की आपत्तियों को दिल्ली कैबिनेट ने पहले ही स्वीकार कर लिया है।" उन्होंने आगे कहा, "केंद्र के सुझाव के आधार पर दिल्ली कैबिनेट ने योजना का नाम बदलने और मौजूदा NFS अधिनियम, 2013 के हिस्से के रूप में राशन वितरण का निर्णय पास किया है।"
राजनीति से प्रेरित होकर किया गया है निर्णय- हुसैन
मंत्री हुसैन ने कहा कि कोर्ट में केस का हवाला देते हुए इस तरह की क्रांतिकारी योजना को रोकना यह स्पष्ट करता है कि यह निर्णय राजनीति से प्रेरित होकर लिया गया है। राशन की घर-घर डिलीवरी उन गरीबों के लिए वरदान साबित होती, जो कोरोना के कारण राशन की दुकानों पर जाने से डरते हैं। उन्होंने कहा कि योजना को खारिज करना कोरोना महामारी के खिलाफ दिल्ली सरकार की लड़ाई को बहुत कमजोर करना है।
AAP ने बोला प्रधानमंत्री मोदी पर हमला
मामले में सत्ताधारी AAP पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है। पार्टी ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री जी, आपका राशन माफिया से ऐसा क्या समझौता है कि आपको केजरीवाल सरकार की 'घर-घर राशन योजना' बंद करनी पड़ी?'