लॉकडाउन में रेलवे ट्रैक पर हुई प्रवासी मजदूरों सहित 8,700 से अधिक लोगों की मौत- RTI
देश में इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर जारी है। इसके कारण अब तक लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। देश में पिछले साल लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान कुल 8,733 लोगों की रेलवे ट्रैक् पर मौत हुई है। इनमें से सबसे ज्यादा संख्या प्रवासी मजदूरों की थी। रेलवे बोर्ड की ओर से सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत दी गई सूचना में यह खुलासा हुआ है।
मध्य प्रदेश के RTI कार्यकर्ता ने रेलवे से मांगी थी मौतों की जानकारी
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार मध्य प्रदेश के RTI कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने रेलवे बोर्ड से RTI अधिनियम के तहत जनवरी से दिसंबर 2020 के बीच रेलवे ट्रैक पर हुई लोगों की मौत के संबंध में जानकारी मांगी थी। हालांकि, देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उस समय में यात्री ट्रेन सेवाओं को बंद कर दिया गया था, लेकिन बाद में प्रवासी स्पेशल ट्रेनों के नाम पर संचालन शुरू किया गया था। उसके बाद ट्रैक पर हजारों लोगों की मौत हुई थी।
रेलवे ने दी 8,733 लोगों की मौत होने की जानकारी
रेलवे ने RTI के जवाब में बताया कि राज्य पुलिस के आधार पर जनवरी से दिसंबर 2020 के बीच रेलवे ट्रैक पर 8,733 लोगों की मौत हुई थी और 805 लोग घायल हुए थे। अधिकारियों ने आगे कहा कि इस दौरान हुई कुल मौतों में से अधिकतर संख्या प्रवासी मजदूरों की थी। इसका कारण यह रहा कि प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन में घर जाने के लिए सड़क मार्ग की जगह छोटे रास्ते के रूप में रेलवे ट्रैक को चुना था।
पिछले चार वर्षों की तुलना में 2020 में कम रही मृत्यु दर- रेलवे
रेलवे बोर्ड ने बताया कि साल 2020 के दौरान मृत्यु दर उसके ठीक पहले के चार वर्षों की तुलना में कम रही है। इसका कारण रहा कि 25 मार्च को कोरोना वायरस लॉकडाउन की घोषणा के बाद यात्री सेवाओं को प्रतिबंधित कर दिया गया था। लॉकडाउन के दौरान केवल मालगाड़ियों का परिचालन किया गया था। यात्री सेवाएं को चरणों में खोला जा रहा था और दिसंबर तक 110 नियमित यात्री ट्रेनों के साथ लगभग 1,100 विशेष ट्रेनें चल रही थीं।
पिछले साल रेलवे ट्रैक पर हुई कई मौतें नहीं हुई दर्ज
रेलवे ने कहा कि पिछले साल ट्रैक पर हुई कई मौतें कई कारणों से दर्ज नहीं हो सकी। पिछले साल मई में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक मालगाड़ी की चपेट में आने से ट्रैक पर सो रहे 16 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई थी।
साल 2016 से 2019 के बीच ट्रैक पर हुई थी 56,271 लोगों की मौत
रेलवे बोर्ड ने बताया कि राज्य सरकारों से आए रेलवे के आंकड़ों के अनुसार साल 2016 से 2019 के बीच ऐसी घटनाओं में 56,271 लोगों की मौत हुई और 5,938 लोग घायल हुए थे। इनमें साल 2016 में इस तरह की दुर्घटनाओं में 14,032, साल 2017 में 12,838, साल 2018 में 14,197 और साल 2019 में 15,204 लोगों की मौत हुई थी। इन चार वर्षों में केवल 2017 में मृतकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई थी।
रेलवे ने पिछले साल हुई मौतों को 'रेलवे दुघर्टनाओं' की श्रेणी में नहीं लिया
रेलवे ने कहा कि साल 2020 में रेलवे ट्रैक पर हुए हादसों को 'रेलवे दुघर्टनाओं' की श्रेणी में नहीं लिया है। रेलवे में मौत के आंकड़े तीन रूपों में तैयार होते हैं। इनमें दुघर्टना, नियम के विरुद्ध कार्य से हादसा और अप्रिय घटना शामिल है। पिछले साल हुई मौतें अप्रिय घटना या नियम विरुद्ध कार्य से हादसों की श्रेणी में आती है। रेलवे की ओर से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।