नए IT नियमों पर मद्रास हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, महत्वपूर्ण उपबंधों पर लगाई रोक
लोकतंत्र में बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी को जरूरी बताते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने गुरुवार को नए IT नियमों के कुछ उपबंधों पर रोक लगा दी है। यह दूसरी बार है, जब किसी हाई कोर्ट ने कुछ नए नियमों पर रोक लगाई है। इससे पहले 14 अगस्त को बॉम्बे हाई कोर्ट ने नए नियम 9 के उपबंध (1) और (3) पर रोक लगाते हुए कहा था कि ये कानून के प्रावधानों और लक्ष्यों से परे जाते हैं।
इन उपबंधों में क्या प्रावधान किया गया है?
नए IT नियम 9 में शिकायत निवारण तंत्र की बात कही गई है। वहीं इसके उपबंध 1 में कहा गया है कि इंफोर्मेशन और टेक्नोलॉजी (IT) मंत्रालय एक पोर्टल बनाएगा, जिस पर मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ शिकायतें प्राप्त की जा सकेंगी। वहीं उपबंध 3 के तहत प्रावधान किया गया है कि शिकायतें मिलने के 24 घंटों के भीतर शिकायतकर्ता को उसकी जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद शिकायत संबंधित मीडिया प्लेटफॉर्म और IT मंत्रालय के पास भेजी जाएगी।
मद्रास हाई कोर्ट ने क्या कहा?
गुरुवार को मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति पीडी ऑडिकेसवालु की बेंच ने टीएम कृष्णा और डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन की जनहित याचिकाओं पर अंतरिम आदेश पारित करते हुए यह रोक लगाई। इन याचिकाओं में नए नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि सरकार द्वारा मीडिया को नियंत्रित करने की तंत्र प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को उनकी आजादी और लोकतांत्रिक सिद्धांतों से वंचित कर सकता है।
नियम 3 की भी की गई समीक्षा
हाई कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान नियम 3 के उपबंध (1)(c) की भी समीक्षा की, जिसमें नियमों की अनुपालना न करने पर एक्सेस या यूजर राइट को टर्मिनेट करने का प्रावधान किया गया है। कोर्ट ने कहा कि इसकी शंका है कि एक अधिकारियों की महज सहमति या इशारे से कोई प्लेटफॉर्म आम लोगों के बंद हो सकता है। बता दें कि नए नियमों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए शिकायत निवारण तंत्र बनाना जरूरी किया गया है।
सरकार ने किया नियमों का बचाव
केंद्र सरकार ने इन नियमों का बचाव करते हुए दलील दी कि प्रेस काउंसिल एक्ट और केबल टेलिविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट का दायरा न बढ़ाते हुए परंपरागत मीडिया पर लागू कुछ नियमों को ही डिजिटल मीडिया पर लागू किया जा रहा है। सरकार ने माना की बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश पूरे देश में लागू होगा, लेकिन उसने सभी हाई कोर्ट में चल रहे मामलों को सुप्रीम कोर्ट में हस्तांतरित करने की याचिका दायर की है।
अगले महीने के अंत में होगी अगली सुनवाई
गुरुवार को अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में भी इसी तरह के मामले लंबित है और उन पर अगले महीने सुनवाई होनी है। इस पर हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में करने का फैसला किया है।