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#NewsBytesExplainer: कितना खतरनाक है कोरोना वायरस का NB.1.8.1 वेरिएंट? जानें लक्षण समेत सभी जरूरी बातें
देश में कोरोना के नए वेरिएंट के मामले सामने आए हैं

#NewsBytesExplainer: कितना खतरनाक है कोरोना वायरस का NB.1.8.1 वेरिएंट? जानें लक्षण समेत सभी जरूरी बातें

लेखन आबिद खान
May 25, 2025
12:27 pm

क्या है खबर?

देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के नए मामले बढ़ने लगे हैं। दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात समेत कई राज्यों में बीते कुछ दिनों में नए मामलों में इजाफा हुआ है। इस बीच नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 की भी पुष्टि हुई है। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने बताया है कि तमिलनाडु और गुजरात में कोरोना के नए वेरिएंट मिले हैं। आइए आज NB.1.8.1 वेरिएंट के बारे में जानते हैं।

मामले

नए वेरिएंट के कितने मामले सामने आए हैं?

INSACOG के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मामला और मई में गुजरात में LF.7 के 4 मामले सामने आए हैं। हालांकि, ये वही मामले हैं, जिन्हें जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए INSACOG के पास भेजा गया था और ये करीब एक महीने पहले के भी हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि फिलहाल इस वेरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ भी सकती है।

वेरिएंट

क्या है NB.1.8.1 वेरिएंट?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8 को फिलहाल 'वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग' यानी निगरानी वाले वेरिएंट की श्रेणी में रख रखा है। इसका मतलब है कि इस वेरिएंट में ऐसे उत्परिवर्तन हैं, जिन्हें भविष्य में ट्रैक किया जा सकता है, लेकिन फिलहाल वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसका जोखिम कम है। यह वेरिएंट एक अन्य वेरिएंट XDV.1.5.1 से उत्पन्न हुआ है, जिसके शुरुआती नमूने 22 जनवरी, 2025 को पहली बार रिपोर्ट किए गए थे।

खतरा

कितना खतरनाक है NB.1.8.1 वेरिएंट?

NB.1.8.1 के स्पाइक प्रोटीन में A435S, V445H और T478I म्यूटेशन हैं। इस वजह से ये अन्य वेरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है और कुछ हद तक वैक्सीन से मिलने वाली इम्यूनिटी को भी बायपास कर सकता है। अपने म्यूटेशन की वजह से इस वेरिएंट की मानव कोशिकाओं से जुड़ने की क्षमता ज्यादा है, जो इसे ज्यादा संक्रामक बना देते हैं। इस वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में LP8.1 की तुलना में 6 और JN.1 की तुलना में 8 म्यूटेशन हैं।

देश

कितने देशों में सामने आए हैं NB.1.8.1 के मामले?

WHO के मुताबिक, 18 मई तक दुनिया के 22 देशों में NB.1.8.1 के 518 मामले सामने आए थे। तब ये कुल मामलों का 10.7 प्रतिशत थे, लेकिन धीरे-धीरे इसके मामले बढ़े हैं। भारत के अलावा, NB.1.8.1 के मामले अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड समेत कई देशों में मिले हैं। चीन, भारत समेत एशियाई देशों में हाल ही में बढ़ रहे मामलों के लिए इसे ही जिम्मेदार माना जा रहा है।

लक्षण

क्या है NB.1.8.1 के लक्षण?

NB.1.8.1 से संक्रमित होने पर मरीज में ओमिक्रॉन वेरिएंट की तरह ही लक्षण देखे जाते हैं। इनमें गला खराब होना, थकान, हल्की खांसी, बुखार, नाक बंद होना, सिरदर्द, जी मिचलाना, भूख न लगना और पाचन संबंधी समस्याएं शामिल हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में मरीज में गंभीर लक्षण नहीं देखे जा रहे हैं, जो संकेत देता है कि ये वेरिएंट तेजी से फैलने में सक्षम है, लेकिन ज्यादा खतरनाक नहीं है।

विशेषज्ञ

क्या कह रहे हैं जानकार?

दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जतिन आहूजा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "यह वेरिएंट जानलेवा नहीं लगता। अब तक ऐसा कोई संकेत नहीं है कि NB.1.8.1 पिछले स्ट्रेन की तुलना में ज़्यादा गंभीर बीमारी का कारण बनता है। चीन में शुरुआती शोध से पता चलता है कि यह वैरिएंट मानव कोशिकाओं से ज्यादा प्रभावी ढंग से जुड़ता है, जो इसे अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में ज्यादा संक्रामक बना सकता है।"

स्थिति

देश में कोरोना वायरस मामलों की क्या स्थिति है?

देश में फिलहाल कोरोना के 363 सक्रिय मामले हैं। एक दिन पहले 23 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से महाराष्ट्र में 8, राजस्थान-कर्नाटक में 5-5, उत्तराखंड-हरियाणा में 3-3, मध्य प्रदेश में 2 और उत्तर प्रदेश में एक मामला शामिल हैं। बीते 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 2 मरीजों की मौत भी हुई है। बढ़ते मामलों के बीच 24 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने समीक्षा बैठक भी की।