कोरोना वायरस: 24 घंटे में मिले 752 नए मामले, बीते 7 महीने में सबसे ज्यादा
देश में कोरोना वायरस के नए मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बीते 24 घंटे में कोरोना के 752 नए मामले सामने आए हैं, जो 21 मई के बाद से सबसे ज्यादा है। केरल में सबसे ज्यादा ((266) मरीज संक्रमित हुए हैं। इस दौरान 4 मरीजों की मौत भी हुई है। इसके बाद सक्रिय मरीजों का आंकड़ा 3,000 से ज्यादा हो गया है। नए वेरिएंट JN.1 को देखते हुए बढ़ते मामलों ने चिंताएं बढ़ा दी हैं।
कहां-कितने मामले मिले?
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते दिन केरल में 266, कर्नाटक में 70, महाराष्ट्र में 15, तमिलनाडु में 13 और गुजरात में 12 नए मामले सामने आए हैं। केरल में 2 और राजस्थान कर्नाटक में एक-एक मरीज की मौत हुई है, जिसके बाद कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 5,33,332 हो गया है। हालांकि, इस दौरान 325 लोग कोरोना संक्रमण से ठीक भी हुए हैं। देश में अब सक्रिय मामले बढ़कर 3,420 हो गए हैं।
दुनियाभर में एक हफ्ते में 52 प्रतिशत बढ़े मामले
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, पिछले 4 हफ्तों में दुनियाभर में कोरोना के मामले 52 प्रतिशत बढ़े हैं। इस दौरान 3,000 से ज्यादा लोगों की मौत भी हुई है। इन 4 हफ्तों में बीते 28 दिनों के मुकाबले मौतें भी 8 प्रतिशत बढ़ गई हैं। अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में भी 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। WHO का कहना है कि वो लगातार JN.1 वेरिएंट पर नजर बनाए हुए है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी की गाइडलाइन
कोरोना के बढ़ते हुए मामलों के बीच उत्तर प्रदेश की सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं। जिसके मुताबिक, अब खांसी, बुखार और सांस के रोगियों को अनिवार्य तौर पर कोरोना की जांच करानी होगी। जांच रिपोर्ट नहीं आने तक ऐसे मरीजों को आइसोलेशन में रहने के निर्देश दिए गए हैं। जांच पॉजिटिव आने पर इन सैंपलों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। लोगों से भीड़भाड़ वाले इलाकों में न जाने की अपील की गई है।
भारत में JN.1 वेरिएंट के 21 मामले सामने आए
कोरोना के नए JN.1 वेरिएंट के भारत में अब तक 21 मामले सामने आए हैं। गोवा में 19, जबकि केरल और महाराष्ट्र में एक-एक मामला सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, राहत वाली बात है कि अभी तक मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं देखे गए हैं। संक्रमित मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की दर में भी कोई वृद्धि नहीं देखी गई है।
कितना खतरनाक है JN.1 वेरिएंट?
WHO के अनुसार, JN.1 ओमिक्रॉन वेरिएंट के BA.2.86 सब-वेरिएंट से निकला है। इसकी स्पाइक प्रोटीन में 41 म्यूटेशन हैं, इसलिए JN.1 को संक्रामक माना जा रहा है। इसका पहला मामला 25 अगस्त को यूरोप के लग्जमबर्ग में सामने आया था। वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में पहले की तरह हल्का बुखार, खांसी, नाक बंद होना, गले में खराश, नाक बहना, सिर दर्द और पेट में गड़बड़ी की शिकायत सामने आ रही हैं।