चीन LAC से सटे सैन्य अड्डों पर बना रहा नए सौर और जल विद्युत संयंत्र- रिपोर्ट
क्या है खबर?
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। खबर है कि LAC से सटे पूर्वी लद्दाख सेक्टर में बनाए गए नए सैन्य अड्डों पर चीन सौर और पनबिजली परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है।
बताया जा रहा है कि खराब मौसम खासकर सर्दियों के दौरान इस क्षेत्र में तैनात सैनिकों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए ये ऊर्जा परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
मौसम
खराब मौसम से निपटने के लिए चीन कर रहा तैयारी
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, LAC पर खराब मौसम की वजह से चीनी सैनिकों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। इस वजह से चीन ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है, जिनसे उत्पन्न हुई ऊर्जा को सैन्य अड्डों में भेजा जाएगा, ताकि भीषण सर्दी से निपटने में सैनिकों को आसानी हो।
बता दें कि इस इलाके में चीन के करीब 50,000 सैनिक तैनात हैं, इसलिए यहां ऊर्जा की जरूरत भी बढ़ गई है।
ढांचे
सैन्य ढांचों को भी विकसित कर रहा चीन
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, चीन ने अपने सैन्य ढांचों को भी बड़े पैमाने पर विकसित किया है और बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती के लिए नए आवास और गांव बनाए गए हैं।
भारत ने भी किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए चीनी सैनिकों की संख्या के बराबर ही अपने सैनिकों को तैनात कर रखा है। भारतीय सेना ने 2 मोर्चों पर खतरे के परिदृश्य का सामना करने के लिए नई तैनाती भी की है।
पाकिस्तान
भारत के खिलाफ पाकिस्तान की मदद कर रहा चीन
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, नियंत्रण रेखा (LoC) पर चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर बुनियादी सैन्य ढांचे, संचार टॉवर और भूमिगत केबल बिछाने में जुटा है। चीन पाकिस्तानी सेना को मानव रहित विमान और लड़ाकू विमान भी उपलब्ध करा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि हॉवित्जर तोप SH-15 को भी LoC के पास कुछ स्थानों पर देखा गया है, जिसे पाकिस्तान ने हाल ही में बनाया है और इन्हें ट्रक से संचालित किया जा सकता है।
तनाव
2020 से LAC पर बना हुआ है तनाव
बता दें कि भारत और चीन के बीच अप्रैल, 2020 से LAC पर तनाव बना हुआ है। तब चीन ने पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में घुसपैठ कर दी थी।
उसकी इस हरकत के बाद गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाकों में दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं और 15 जून, 2020 को गलवान में तनाव हिंसा में बदल गया।
इस खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए तो कई चीनी सैनिकों भी मारे गए थे।