पैंगोंग झील पर पुल बना रहा चीन, सैनिकों को तेजी से जमा कर सकेगा
पिछले साल पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर भारतीय सेना की कार्रवाई से सकते में आया चीन अब झील पर पुल बना रहा है। ये पुल वो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के अपनी तरफ बना रहा है और इसका मुख्य उद्देश्य भविष्य में भारत की आक्रामक कार्रवाई को रोकना है। चीन इलाके में कुछ सड़के भी बना रहा है और इनकी मदद से सैनिकों को जल्द से जल्द सीमा पर भेजा जा सकेगा।
पुल बनने के बाद चीनी सेना के लिए कम होगी दोनों किनारों के बीच दूरी
द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ये पुल अपने इलाके में पड़ने वाली पैंगोंग झील के खुरनाक क्षेत्र में बना रहा है। इस जगह पर झील सबसे पतली है और पुल के जरिए खुरनाक को दक्षिणी किनारे पर रुडोक से जोड़ा जाएगा। ये पुल चीनी सेनाओं के लिए 180 किलोमीटर के फेर को कम करेगा। पहले जहां उन्हें 200 किलोमीटर से अधिक का सफर करना पड़ता था, अब खुरनाक और रुडोक के बीच 40-50 किलोमीटर की दूरी रह जाएगी।
चीन ने पुल से आने-जाने वाली सड़क बनाने की प्रक्रिया भी शुरू की
सूत्रों के अनुसार, चीनी सेना ने पुल से आने-जाने वाली सड़क बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इससे उसे सैनिकों और सामान की तेज तैनाती में मदद मिलेगी। इससे पहले वह मोल्डो पोस्ट पर भी एक सड़क बना चुका है।
अगस्त, 2020 की भारतीय कार्रवाई के बाद चीन ने सीखा सबक- सूत्र
एक रक्षा सूत्र ने मामले पर कहा, "अगस्त, 2020 में हमने दक्षिणी किनारे पर उनकी कमजोरी का फायदा उठाया। चीन इस तत्पर कार्रवाई से सकते में आ गया था। उसने पहले 24-48 घंटे के बाद सैनिकों का जमावड़ा जरूर किया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। शायद उन्होंने सबक सीख लिया है और चूंकि वे तेजी से उपाय करते हैं, इसलिए उन्होंने कई कदम उठाए हैं ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि इलाके में उनका मूवमेंट तेज हो।"
भारतीय सेना के ऑपरेशन की काट करना चीनी सेना का लक्ष्य- सूत्र
सूत्रों का कहना है कि पुल और सड़कों के निर्माण के जरिए चीनी सेना का लक्ष्य भविष्य में दक्षिणी किनारे पर भारतीय सेना के किसी भी ऑपरेशन की काट करना है। निर्माण के बाद वह इलाके में जल्द से जल्द सैनिक इकट्ठा कर सकेगा।
अगस्त, 2020 में क्या हुआ था?
चीनी सेना के पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे से अपनी सेनाएं पीछे हटाने से इनकार करने के बाद भारतीय सेना ने 29-30 अगस्त, 2020 की रात को एक विशेष अभियान चलाते हुए दक्षिणी किनारे की ज्यादातर ऊंची चोटियों पर कब्जा कर लिया था। इस अभियान के बाद चीन को जो लाभ उत्तरी किनारे पर हासिल था, भारत ने वो लाभ दक्षिणी किनारे पर हासिल कर लिया था और चीनी सेना हिलने की स्थिति में भी नहीं थी।
भारत की कार्रवाई को चीन को पीछे हटाने पड़े अपने सैनिक
भारत के इस अभियान के बाद चीन ने बेहद सख्त बयान जारी किए, लेकिन अंत में उसे अपने सैनिक पीछे हटाने पड़े। पिछले साल जुलाई में दोनों देशों की सेनाओं ने झील के दोनों किनारों से सैनिक वापस बुला लिए थे।