चीन: सोशल मीडिया से हटाए जा रहे गरीबी के बारे में बताने वाले वीडियो
चीन में गरीबी के बारे में जानकारी देने वाले कई वीडियोज कथित रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से हटाये जा रहे हैं। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि इसके पीछे चीन सरकार का हाथ है, जो सच्चाई को छिपाना चाहती है। गौरतलब है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वर्ष 2021 में गरीबी के खिलाफ लड़ाई में व्यापक जीत हासिल करने की घोषणा की थी।
एक वृद्धा का वीडियो हुआ था वायरल
कुछ दिन पहले चीन में एक बुजुर्ग महिला का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें दिखाया गया था कि वह 100 युआन (करीब 1,182 रुपये) से राशन का कितना सामान खरीद सकती है। महिला ने वीडियो में बताया था कि यह राशि उसकी मासिक पेंशन और आय के एकमात्र स्रोत के बराबर थी। बतौर रिपोर्ट्स, इस वीडियो के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल होने के बाद अचानक हटा लिया गया था। ऐसे कई अन्य वीडियोज भी हटाए गए हैं।
लोगों को गरीबी पर चर्चा करने से रोक रहा है चीन
गौरतलब है कि चीन एक साम्यवादी देश है, जिसका उद्देश्य आम समृद्धि को बढ़ावा देना है। चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के गरीबी के खिलाफ लड़ाई में जीत की घोषणा के बावजूद अधिकतर लोग गरीब हैं या गरीबी रेखा के ठीक ऊपर अपना जीवनयापन कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ चीन में आर्थिक संभावनाओं के कम होने और लोगों की अपने भविष्य के बारे में बढ़ती चिंता के साथ गरीबी एक चर्चा करना एक वर्जित विषय बन गया है।
चीन को सकारात्मक तौर पर पेश करना चाहती है कम्युनिस्ट पार्टी
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि चीन सरकार देश में सभी चीजों को सकारात्मक रूप में पेश करना चाहती है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी एक तरफ इस बात की शेखी बघारती है कि उसने देश में पिछले 4 दशकों में कितने लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है, लेकिन इस बात का उल्लेख करने से इनकार कर देती है कि कैसे माओत्से तुंग के शासन के तहत देश के लोग गरीबी के जाल में फंस गए थे।
चीन सरकार ने दी थी कार्रवाई की चेतावनी
चीन के साइबरस्पेस प्रशासन ने इस वर्ष मार्च में सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ जानकरी साझा करने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की घोषणा की थी। प्रशासन ने कहा था कि सोशल मीडिया पर वीडियो या पोस्ट के जरिए जानबूझकर उदास संदेश देने वाले या सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि चीन में वृद्ध लोगों और विकलांग बच्चों के उदास वीडियो पर प्रतिबंध है।