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    समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का सरकार ने किया विरोध, भारतीय पंरपरा के खिलाफ बताया
    केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग करने वाली याचिका का विरोध किया है

    समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का सरकार ने किया विरोध, भारतीय पंरपरा के खिलाफ बताया

    लेखन आबिद खान
    Mar 12, 2023
    03:55 pm

    क्या है खबर?

    केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाली याचिका का विरोध किया है। सरकार ने कहा कि ऐसी शादियों की तुलना भारतीय परंपरा में पति-पत्नी से पैदा हुए बच्चे की अवधारणा से नहीं की जा सकती।

    केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिए किए हलफनामे में ये बात कही है।

    बता दें कि इससे पहले याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से राय मांगी थी।

    संबंध

    केंद्र ने कहा- समलैंगिक और विषम लैंगिक संबंध अलग-अलग

    केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि समलैंगिक और विषमलैंगिक संबंध स्पष्ट रूप से अलग-अलग हैं और इन्हें एक जैसा नहीं माना जा सकता।

    सरकार ने कहा कि शादी को समाज में संस्था का दर्जा प्राप्त है, जिसका अपना सार्वजनिक महत्व होता है और केंद्र केवल महिला-पुरुष की शादी को मान्यता देने का इच्छुक है।

    सरकार ने कहा कि विशेष सामाजिक संबंध के लिए मान्यता लेना कोई मौलिक अधिकार नहीं है।

    याचिका

    6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने स्थानांतरित की थी सभी याचिकाएं

    इस मुद्दे पर अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं। इस पर वकीलों ने मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट को इस मुद्दे पर एक आधिकारिक फैसले के लिए सभी मामलों को अपने पास स्थानांतरित करना चाहिए।

    इसके बाद 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं को मिलाकर अपने पास स्थानांतरित कर लिया था।

    मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है।

    सुनवाई

    दो समलैंगिक जोड़ों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने दो समलैंगिक जोड़ों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये नोटिस जारी किए हैं। पहली याचिका हैदराबाद के रहने वाले सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग ने दायर की है।

    अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि वो पिछले 10 साल से रिलेशन में हैं और हाल ही में उन्होंने अपने परिजनों की मौजूदगी में शादी की थी।

    उन्होंने कहा कि अब वो चाहते हैं कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत उनकी शादी को मान्यता दी जाए।

    समलैंगिकता

    2018 में अपराध की श्रेणी से बाहर हुई थी समलैंगिकता

    सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर, 2018 को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए समलैंगिकता को अवैध करार देने वाली भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 को रद्द कर दिया था। तब पीठ ने कहा था कि समलैंगिक लोगों को भी सम्मान के साथ जीने का अधिकार है।

    हालांकि, इस फैसले में समलैंगिक विवाह को लेकर कुछ नहीं कहा गया। इस वजह से फिलहाल समलैंगिक विवाह तो हो रहे हैं, लेकिन उन्हें कानूनी मान्यता नहीं मिलती है।

    जानकारी

    किन देशों में समलैंगिक विवाह को मिली है मान्यता?

    रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल दुनियाभर के 32 देशों में समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता मिली हुई है। इनमें अर्जेंटीना, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, फिनलैंड, मैक्सिको, पुर्तगाल, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्वे और ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं।

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