बजट 2023 में टैक्स स्लैब समेत इन मोर्चों पर मिल सकती है आम आदमी को राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश करने जा रही हैं। इस बजट से नौकरीपेशा से लेकर आम लोगों को काफी उम्मीदें हैं। विशेषज्ञों की मानें तो साल 2023 के बजट में सरकार करदाताओं को थोड़ी राहत दे सकती है और टैक्स स्लैब में भी बदलाव की उम्मीद है। इसके अलावा कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में भी कुछ नए प्रावधान किये जा सकते हैं। आइये जानते हैं बजट से लोगों की क्या उम्मीदें हैं।
टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लंबे समय से टैक्स स्लैब में 20 लाख से ज्यादा की कमाई पर 25 प्रतिशत टैक्स की मांग की जा रही है। वर्तमान में टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक टैक्स नहीं लगता है और 2.5 से पांच लाख तक पांच प्रतिशत, पांच से 7.5 लाख तक 15 प्रतिशत टैक्स लगता है। इसी तरह 7.5 लाख से 10 लाख तक 20 प्रतिशत टैक्स लगता है, जिसमें बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट बढ़ाए जाने की उम्मीद
सरकार इस बजट में इनकम टैक्स के अंतर्गत नौकरीपेशा लोगों की स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट बढ़ाकर 75,000 रुपये कर सकती है। इससे वेतनभोगियों को काफी राहत मिलेगी। वर्तमान में यह स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट 50,000 रुपये सालाना है।
सेक्शन 80C के तहत निवेश पर मिल सकती है ज्यादा छूट
केंद्र सरकार नौकरीपेशा लोगों को सेक्शन 80C के तहत निवेश में छूट देती है। सरकार इस साल के बजट में इस छूट को बढ़ाने पर विचार कर सकती है, ताकि नौकरीपेशा लोगों की अधिक राहत मिल सके। इसके तहत वर्तमान समय में 1.5 लाख रुपये की छूट मिलती है। ऐसे में उम्मीद है कि बजट 2023 में धारा 80C के तहत सरकार इस छूट की सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपये तक कर सकती है।
कृषि उत्पादों पर GST में मिल सकती है छूट
इस साल के बजट में सरकार का कृषि उत्पादों को बढ़ाने पर भी पर भी विशेष जोर हो सकता है। इसके लिए सरकार कृषि से जुड़ी फर्मों को टैक्स में छूट दे सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो सरकार कृषि उत्पादों पर लगने वाले GST पर छूट देने पर विचार कर सकती है। इसके साथ ही सरकार आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने वाले स्टार्टअप्स को मदद मुहैया करवा सकती है।
कर्मचारियों को मिलने वाले अलाउंस में वृद्धि की भी उम्मीद
सरकार इस बजट में कर्मचारियों को मिलने वाले अलाउंस में वृद्धि की घोषणा कर सकती है। अभी कर्मचारियों को अपनी तनख्वाह के अलावा कई तरह के अलाउंस मिलते हैं, जिसमें एक बच्चे के लिए 100 रुपये प्रति माह चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस और 300 रुपये प्रति माह चिल्ड्रेन हॉस्टल एक्सपेंडिचर अलाउंस भी शामिल है। सरकार ने पिछले 20 सालों में कर्मचारियों को मिलने वाले अलाउंस में कोई वृद्धि नहीं की है, लिहाजा इनमें वृद्धि होने की उम्मीद है।
ECLGS को विस्तार दे सकती है सरकार
इस बजट में सरकार आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी सेवाओं (ECLGS) जैसी योजनाओं का भी विस्तार कर सकती है, ताकि लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों (MSME) को बढ़ावा मिल सके। जानकारों की मानें तो इस समय भारत में 6.3 करोड़ के करीब MSME हैं, जो देश के कुल सकल घरेलू उत्पादन (GDP) में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान करते हैं। लिहाजा सरकार उन्हें प्रोत्साहित और आगे बढ़ाने के लिए बजट में विशेष प्रावधन कर सकती है।
सरकार का रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का इस बजट में रोजगार के अवसर बढ़ाने पर भी जोर रहेगा। मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत छोटे व्यवसायियों को सरकार आर्थिक रूप से मदद के देने लिए विशेष बजट का प्रावधान कर सकती है। इससे युवाओं को कोई भी नया व्यवसाय या स्टार्टअप शुरू करने में भी मदद मिलेगी और लघु उद्यमों को बढ़ावा मिलने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
NEP के तहत शिक्षा के डिजिटलीकरण पर रहेगा फोकस
इस साल सरकार बजट में शिक्षा के डिजिटलीकरण को लेकर बड़ी घोषणाएं कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत सरकार सुदूर क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचे और संसाधनों की कमी को दूर करने के लिए बजट में कुछ प्रावधान कर सकती है। इसके साथ ही सरकार शिक्षण संसाधनों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष फंड देने का ऐलान भी कर सकती है।