मध्य और उत्तर-पश्चिमी भारत में पिछले 122 सालों में सबसे गर्म रहा बीता अप्रैल महीना
क्या है खबर?
देश के कई हिस्सों में पड़ी रही रिकॉर्ड तोड़ गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है।
भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि अप्रैल के दौरान देश के उत्तर-पश्चिमी और मध्य हिस्से में औसत अधिकतम तापमान 122 सालों में सबसे ज्यादा रहा। यानी 122 सालों में किसी भी अप्रैल में इतनी गर्मी नहीं पड़ी थी।
इससे पहले मार्च के दौरान भी गर्मी ने पसीने छुड़ाए थे और यह महीना पिछले 122 सालों का सबसे गर्म मार्च महीना रहा था।
तापमान
बीते महीने कितना रहा तापमान?
अप्रैल के दौरान उत्तर पश्चिमी राज्यों में औसतन अधिकतम तापमान 35.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 3.35 डिग्री ज्यादा था।
इससे पहले अप्रैल, 2010 में भयंकर गर्मी पड़ी थी, लेकिन तब भी औसतन अधिकतम तापमान इस अप्रैल से 0.5 डिग्री कम था।
देश के मध्य इलाकों में बार औसत अधिकतम तापमान 37.7 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था, जिसने अप्रैल, 1973 के 37.75 डिग्री सेल्सियस के रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
मौसम
दर्ज की गई बारिश की कमी
मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय मोहपात्रा ने कहा कि उत्तर पश्चिमी और मध्य इलाकों में मार्च और अप्रैल के दौरान बारिश की गतिविधियां बेहद कम रही। उत्तर-पश्चिमी भारत में मार्च में 89 प्रतिशत और अप्रैल में 83 प्रतिशत बारिश कम हुई है।
पिछले महीने देशभर में गंभीर हीटवेव और हीटवेव जैसी स्थिति दर्ज की गई, जो 2010 के बाद सबसे ज्यादा है। बीते महीने पूरे देश का औसत अधिकतम तापमान 1.12 डिग्री अधिक दर्ज किया गया था।
गर्मी का प्रकोप
मई में भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं
डॉ मोहपात्रा ने बताया कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश समेत उत्तर-पश्चिमी राज्यों में इस महीने भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मई में भी इन इलाकों में सामान्य से अधिक न्यूनतम और अधिकतम तापमान रहेगा। रात को भी लोगों को राहत मिलने की उम्मीद कम है।
विभाग का अनुमान है कि गुजरात, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में इस महीने भी सामान्य से कम बारिश होगी।
चिंता
चिंताजनक बनी गर्मी की अवधि
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते तापमान से ज्यादा चिंताजनक हीटवेट की लंबी अवधि है। पिछले छह हफ्तों के दौरान भारत और पाकिस्तान के औसतन तापमान ने अब तक के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है।
विश्व मौसम संगठन का कहना है कि इस गर्मी के पीछे केवल पर्यावरण बदलाव को ठहराना जल्दबाजी होगी, लेकिन बदले पर्यावरण के बीच इस तरह का मौसम रहने का अनुमान है। हीटवेव अब ज्यादा पहले शुरू हो रही है।
गर्मी से मौतें
जानलेवा बनती जा रही है गर्मी
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि 1992 से लेकर 2020 के बीच देश में हीटवेव के कारण 25,692 लोगों की मौत हुई थी। हालिया वर्षों की बात करें तो 2016 से लेकर 2021 के बीच 1,743 लोग इस वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं।
कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां कोरोना की संभावित चौथी लहर से भी ज्यादा चिंताजनक है।
ऐहतियात
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
गर्मियों और लू चलने के दौरान धूप में घर से बाहर निकलने से बचें। अगर धूप में घर से बाहर निकलना जरूरी है तो अपने सिर और हाथों को अच्छी से तरह से ढककर ही निकलें। इसके लिए आप कपड़े या फिर छाते का इस्तेमाल कर सकते हैं।
खूब पानी पिएं और तरबूज, खरबूजा और संतरे जैसे पानी से भरपूर फलों और खाने में हल्के और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।