अगर भारत-पाकिस्तान में परमाणु युद्ध हुआ तो मरेंगे 10 करोड़ लोग, आएगा शीत युग- रिपोर्ट
भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी तनाव बढ़ता है तो अक्सर परमाणु युद्ध को एक आशंका के तौर पर पेश किया जाता है। वैसे तो दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध की संभावनाएं न के बराबर लगती है, लेकिन अगर कभी ऐसा होता है तो इसका पूरी दुनिया पर भयानक असर होगा। एक अध्ययन के अनुसार, भारत-पाकिस्तान में परमाणु युद्ध होने पर 10 करोड़ से ऊपर लोगों की मौत और शीत युग का खतरा है।
कई यूनिवर्सिटीज के शोधकर्ताओं ने मिलकर किया अध्ययन
ये अध्ययन कोलोराडो यूनिवर्सिटी, रटगर्स यूनिवर्सिटी, अमेरिकी राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान केंद्र आदि के शोधकर्ताओं ने मिलकर किय है। 'साइंस एडवांसेज' नामक पत्रिका में बुधवार को इस अध्ययन को प्रकाशित किया गया।
दोनों देश मिलाकर करेंगे 250 परमाणु बमों को प्रयोग
अपने अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की कल्पना की है। अध्ययन के अनुसार, तब भारत और पाकिस्तान के पास मिलाकर करीब 400-500 परमाणु हथियार होंगे। युध्द के दौरान पाकिस्तान 150 और भारत 100 परमाणु बमों का इस्तेमाल कर सकता है। इन परमाणु हथियारों के प्रयोग का जो भयावह परिणाम होगा, उसका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिलेगा और 10 करोड़ से ऊपर लोग मारे जाएंगे।
भारत को उठाना पड़ेगा पाकिस्तान से ज्यादा नुकसान
अध्ययन के अनुसार, हर परमाणु बम से करीब सात लाख लोगों की मौत होगी। इसमें ये भी बताया गया है कि इस युद्ध में भारत को पाकिस्तान से दो-तीन गुना ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। शोध पत्र में लिखा है, 'हमारी कल्पना के अनुसार पाकिस्तान ज्यादा परमाणु बमों का इस्तेमाल करेगा। ज्यादा जनसंख्या और घनी आबादी वाले शहरों के कारण भारत को पाकिस्तान के मुकाबले ज्यादा नुकसान होगा। हालांकि, शहरी आबादी के प्रतिशत के हिसाब से पाकिस्तान को दोगुना नुकसान होगा।'
दुनिया को करना पड़ेगा शीत युग का सामना
परमाणु युद्ध का वैश्विक पर्यावरण और जलवायु पर भी भयावह असर होगा। युध्द के कारण करीब 1.6-3.6 करोड़ टन कालिख (कार्बन) धुएं के रूप में आसमान में जाएगी और हफ्तों में पूरी दुनिया के वातावरण को घेर लेगी। इसके कारण सूरज का रेडिएशन धरती तक नहीं आ पाएगा और धरती पर पहुंचने वाले सूरज के प्रकाश में 20-35 प्रतिशत की कमी आएगी। इससे कई छोटे-छोटे दौर देखने को मिलेंगे जब धरती का तापमान मध्य शीत युग के बराबर हो जाएगा।
खेती और फसलों पर भी पड़ेगा बुरा असर
वातावरण में जमी कालिख के कारण बारिश पर भी असर होगा। अध्ययन के अनुसार, बारिश की दर में लगभग 30 प्रतिशत की कमी आएगी। अध्ययन के अनुसार, सूरज के प्रकाश और बारिश में कमी, गिरते तापमान और ओजोन परत को नुकसान का प्रभाव खेती और फसलों पर भी पड़ेगा और इनमें 15-30 प्रतिशत की कमी आएगी। इससे दुनियाभर में भुखमरी फैलने की संभावना बढ़ेगी, जिससे और अधिक लोगों की मौत हो सकती है।
द्वितीय विश्व युद्ध से ज्यादा लोग मरेंगे
ये परमाणु युद्ध कितना भयावह होगा इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि छह साल चले द्वितीय विश्व युद्ध में इससे कम 7-8.5 करोड़ लोग मारे गए थे। रटगर्स यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर एलेन रोबोक के अनुसार, "ऐसे युद्ध से न केवल उन जगहों को खतरा होगा जहां बम गिराए जाएंगे, बल्कि पूरी दुनिया को खतरा होगा।" रोबोक ने उम्मीद जताई है कि दोनों देश शांति और संयम बनाए रखेंगे।
परमाणु युद्ध के परिणामों को समझने की जरूरत- रोबोक
रोबोक ने कहा, "नौ देशों के पास परमाणु बम हैं, लेकिन भारत और पाकिस्तान केवल एकमात्र ऐसे देश हैं जो अपने जखीरे को बढ़ा रहे हैं। दोनों देशों में चल रहे तनाव के बीच, विशेषकर कश्मीर पर, परमाणु युद्ध के परिणामों को समझना जरूरी है।"