महंगाई की मार जारी, 102.50 रुपये बढ़ी कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमत
आम जनता पर महंगाई की मार लगातार बढती जा रही है और इस बार कमर्शियल सिलेंडर के दाम बढ़े हैं। आज 19 किलोग्राम के LPG सिलेंडर की कीमत में 102.50 रुपये की वृद्धि की गई। पांच किलो के सिलेंडर की कीमत 655 रुपये हो गई है। देशभर में कमर्शियल सिलेंडर के दाम ठीक एक महीने बाद बढ़ाए गए हैं। इससे पहले 1 अप्रैल को 19 किलो के सिलेंडर की कीमत में 250 रुपये की वृद्धि की गई थी।
किस महानगर में कितनी हुई कमर्शियल सिलेंडर की कीमत?
इस वृद्धि के बाद अब दिल्ली में 19 किलो के कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 2,253 रुपये से बढ़कर 2355.50 रुपये पर पहुंच गई है। इसी तरह मुंबई में इस सिलेंडर की कीमत 2,205 रुपये से बढ़कर 2,307 रुपये पर पहुंच गई है। कोलकाता में कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 2,455 रुपये पर हो गई है। पहले यहां सिलेंडर की कीमत 2,351 रुपये थी। चेन्नई में कमर्शियल सिलेंडर 2,406 रुपये से बढ़कर 2,508 रुपये हो गई है।
दिल्ली में पिछले छह महीने में 608 रुपये बढ़ी कमर्शियल सिलेंडर की कीमत
बता दें दिल्ली में पिछले छह महीने में कमर्शियल सिलेंडर 608.50 रुपये महंगा हो गया है। 1 अक्टूबर, 2021 को व्यावसायिक सिलेंडर की कीमत 1736.5 रुपये थी, लेकिन 1 नवंबर को यह 264 रुपये के इजाफे के साथ 2,000.50 रुपये हो गई। इसी तरह 1 दिसंबर को कीमत 2,101 रुपये, 1 जनवरी, 2022 को 1,998.50 रुपये, 1 फरवरी को 1,907 रुपये, 1 मार्च को 2,012 रुपये, 22 मार्च को 2,003 रुपये और 1 अप्रैल को 2,253 रुपये हो गई।
मार्च-अप्रैल में 10 रुपये प्रति लीटर महंगे हो चुके हैं पेट्रोल-डीजल
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में LPG के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि हुई है। 137 दिन बाद 22 मार्च को पहली बार कीमत बढ़ने के बाद से अब तक कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है। आखिरी बार 6 अप्रैल को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि की गई थी। इसके बाद से कीमत नहीं बढ़ी है। दिल्ली में अभी पेट्रोल 105.41 रुपये और डीजल 96.67 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है।
क्यों बढ़ रही कीमतें?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के कारण ईंधन की कीमतों में वृद्धि की बात कही है। उन्होंने कहा कि युद्ध के कारण कच्चे तेल की कीमत बढ़ी है। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार रूस से सस्ता तेल भी खरीद रही है। हालांकि युद्ध ईंधन की कीमतें बढ़ने का एकमात्र कारण नहीं है और इसका एक कारण बड़ी मात्रा में टैक्स भी है, जो सरकारें उस पर लगा रही हैं।