
चक्रवात से सुरक्षित रहने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं? आपदा प्रबंधन ने बताया
क्या है खबर?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में चक्रवात आने की संभावना जताई है, जिसके दौरान भारी बारिश समेत तेज हवाएं चलने की अशंका है।
ऐसे में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने ट्वीट के जरिए बताया है कि चक्रवात से पहले, इसके दौरान और इसके बाद क्या-क्या करना चाहिए ताकि आप इस आपदा से बचे रह सकें।
आइए आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से बताते हैं।
चक्रवात से पहले
चक्रवात के लिए ऐसे रहें तैयार
अफवाहों से दूर रहें और चक्रवात से जुड़ी ताजा जानकारियां लेने के लिए रेडियो सुनें या टीवी देखें।
अपने मोबाइल को चार्ज रखें और मैसेज के जरिए अपनों से जु़ड़े रहें।
अपने जरूरी कागजात को वॉटर प्रूफ कंटेनर में रखें।
एक इमरजेंसी किट तैयार करें ताकि जरूरत के समय प्राथमिक उपचार हो सके।
अगर आपके इलाके में चक्रवात की आधिकारिक चेतावनी जारी हो गई है तो इसके बाद घर में रहें और तेज धार चीजों को खुले में न रखें।
चक्रवात के दौरान और बाद में
चक्रवात आने और इसके बाद इन बातों का रखें ध्यान
घर में मौजूद बिजली से चलने वाली सभी चीजों को मेन स्विच से बंद कर दें।
घर के सभी खि़ड़की-दरवाजों को बंद रखें।
अगर आपका घर सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं है तो चक्रवात आने से पहले किसी सुरक्षित स्थान पर जाएं।
साफ पानी का सेवन करते रहें और चक्रवात से जुड़ी आधिकारिक घोषणों पर ही भरोसा करें।
वहीं, अपने परिजनों के साथ ही रहने का प्रयास करें।
घर से बाहर
अगर आप घर से बाहर हैं तो चक्रवात से ऐसे रहें सुरक्षित
अगर आप चक्रवात के दौरान या फिर इसके जाने के बाद घर से बाहर हैं तो किसी ऐसी इमारत में जाने से बचें, जो चक्रवात से प्रभावित हुई हो।
चक्रवात के जाने के बाद खुले सामानों, बिजली की तारों और खंभों को छूने की गलती न करें।
वहीं, अगर आप कोई मछुआरे हैं तो समुद्र में जाने से बचें और एक रेडियो सेट अपने पास रखें। इसके साथ ही अपनी बोट को किसी सुरक्षित जगह पर बांध दें।
चक्रवात
इस साल का पहला चक्रवात है आसनी
यह इस साल का पहला चक्रवात है, जिसका नाम आसनी रखा गया है और इसके कारण बचाव दलों को अलर्ट पर रखा गया है।
IMD के एक अधिकारी ने कहा कि मार्च चक्रवात का मौसम नहीं है, फिर भी कुछ सालों से इसी महीने में चक्रवात आ रहे हैं।
मौसम एजेंसी के मुताबिक, 1891 से 2020 के बीच मार्च महीने में आठ चक्रवात आए हैं, जिनमें से अरब सागर में दो और बंगाल की खाड़ी में छह आए हैं।