IFS अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव बने विदेश मंत्रालय के अगले प्रवक्ता, रवीश कुमार की जगह ली
भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव ने सोमवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने रवीश कुमार की जगह ली जिन्हें उनके तेजतर्रार और तीखे जबावों के लिए जाना जाता है और जो हर किसी के लिए एक जाना-पहचाना चेहरा बन गए थे। रवीश को राजदूत के तौर पर यूरोप के किसी देश में भेजा जा सकता है। अनुराग इससे पहले इथियोपिया और अफ्रीकी संघ में भारत के राजदूत थे।
ये अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं अनुराग श्रीवास्तव
1999 बैच के IFS अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव इससे पहले भी विदेश मंत्रालय में एक अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वे विदेश मंत्रालय के वित्त विभाग के प्रमुख रह चुके हैं। ये विभाग मंत्रालय के दो अरब डॉलर के सालाना बजट को संभालता है। वहीं, इथियोपिया में भारत का राजदूत बनने से पहले वे कोलंबो में भारतीय दूतावास की राजनीतिक ईकाई के प्रमुख थे। इससे पहले वे संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थाई मिशन का हिस्सा थे।
अनुराग के पास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा
अनुराग श्रीवास्तव के पास इंजीनियरिंग और बिजनेस मैनेजमेंट में डिग्री हैं और उन्होंने डिप्लोमेटिक स्टडीज में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा भी किया हुआ है। 1999 में IFS में शामिल होने से पहले वे कुछ समय के लिए कॉर्पोरेट सेक्टर में काम भी कर चुके हैं। उन्हें हिंदी और अंग्रेजी के अलावा फ्रेंच भाषा में भी निपुणता हासिल है। उनकी पत्नी का नाम मेघना है और दोनों का एक बेटा भी है।
अनुराग बोले- सम्मानित महसूस कर रहा हूं
अपनी नई जिम्मेदारी पर खुशी जताते हुए अनुराग ने ट्वीट किया, 'भारतीय विदेश मंत्रालय का आधिकारिक प्रवक्ता बनने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। नई भूमिका में अपनी जिम्मेदारियां निभाने के लिए मैं सबसे साथ करीबी से काम करने का इंतजार कर रहा हूं।'
2017 में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बने थे रवीश कुमार
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के पद से विदाई लेने जा रहे 49 वर्षीय रवीश कुमार ने अगस्त, 2017 में ये पद संभाला था। उन्होंने गोपाल बागले से ये जिम्मेदारी संभाली थी। इससे पहले वे जर्मनी के फ्रेंकफर्ट में कान्सुल जनरल थे। वे इंडोनेशिया, भूटान और यूनाइटेड किंगडम (UK) में भारतीय मिशन का हिस्सा रह चुके हैं और विदेश मंत्रालय के पूर्व एशिया विभाग में भी रहे थे। अब उन्हें किसी यूरोपीय देश में बतौर राजदूत भेजा जा सकता है।
चुनौतीपूर्ण रहा रवीश का कार्यकाल
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के तौर पर रवीश कुमार का कार्यालय काफी चुनौतीपूर्ण रहा। पुलवामा में आतंकी हमले और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे बेहद महत्वपूर्ण मामलों पर उन्होंने पूरी दुनिया के सामने भारत का पक्ष रखा। प्रवक्ता पद से विदाई पर ट्वीट करते हुए रवीश ने कहा, 'झंडा किसी और को देने का समय आ गया है। 33 महीने तक देश की सेवा के इस अविश्वसनीय मौके के बाद अनुराग श्रीवास्तव को अगला प्रवक्ता बनने पर शुभकामानाएं।'