जब एयर स्ट्राइक के बाद गायब हुई पाकिस्तानी पनडुब्बी, 21 दिन तलाश करती रही भारतीय नौसेना

बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की एक पनडुब्बी के अचानक "गायब" होने के बाद भारतीय नौसेना ने 21 दिन तक इसकी खोज की थी। नौसेना ये सुनिश्चित करना चाहती थी कि कई पाकिस्तानी पनडुब्बी भारत में घुसने की फिराक में तो नहीं है। हालांकि बाद में पता चला कि ये पनडुब्बी भारत की तरफ आने की बजाय पाकिस्तान में ही छिपी हुई थी। इस दौरान भारतीय नौसेना पाकिस्तान की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए थी।
14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने अपनी नौसेना के एक बड़े भाग को अभ्यास से हटाकर पाकिस्तान से लगती समुद्री सीमा में तैनात कर दिया था। इनमें परमाणु और पारंपरिक पनडुब्बियां भी शामिल थीं। इससे पाकिस्तान को लगा कि भारत अपने 40 CRPF जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए अपनी नौसेना का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन भारत ने उसे चकमा देते हुए 26 फरवरी को बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर दी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को बताया कि हमले के बाद पाकिस्तान की सबसे उन्नत अगोस्टा श्रेणी की पनडुब्बियों में से एक, PNS साद, पाकिस्तानी जल में गायब हो गई। उसने ऐसा एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन तकनीक की मदद से किया, जो पनडुब्बियों को साधारण पनडुब्बियों के मुकाबले ज्यादा समय तक पानी में रहने की क्षमता प्रदान करता है। पाकिस्तान की इस गतिविधि से पूरी भारतीय नौसेना चौकन्नी हो गई।
अधिकारी ने बताया, "कराची में जिस जगह से PNS साद गायब हुई, वहां से ये गुजरात तट पर 3 दिन और मुंबई स्थित पश्चिमी बेड़े के मुख्यालय पर 5 दिन के अंदर पहुंच सकती थी। इसे देश की सुरक्षा के लिए एक बड़े खतरे के तौर पर देखा गया।" इसके बाद पनडुब्बी रोधी युद्धविराम विशेषज्ञ युद्धपोत और विमानों को PNS साद की खोज में लगाया गया। गुजरात और महाराष्ट्र की तटीय सीमा पर P-8I विमानों को तैनात किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, अगर PNS साद भारतीय सीमा में घुसने में कामयाब रहा हो तो उसे पानी से बाहर आने को मजबूर करने के लिए भारतीय नौसेना ने सारे जरूरी कदम उठाए। नौसेना जरूरत पड़ने पर सैन्य कार्रवाई करने को भी तैयार थी। इस दौरान परमाणु पनडुब्बी INS चक्र को भी पाकिस्तानी जल के पास आक्रामक मुद्रा में तैनात किया गया। इसके अलावा INS कलवारी को भी पाकिस्तान को डराए रखने के लिए तैनात किया गया था।
21 दिन की व्यापक खोज के बाद आखिरकार भारतीय नौसेना PNS साद को पाकिस्तान के पश्चिमी क्षेत्र की तरफ खोजने में कामयाब रही। इसे वहां छिपाया हुआ था, ताकि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद लड़ाई की स्थिति में इसका इस्तेमाल किया जा सके।
बता दें कि पुलवामा हमले के बाद बने तनाव में भारत ने पाकिस्तान पर हवा, पानी और जमीन तीनों क्षेत्रों में दवाब बना कर रखा था। नौसेना ने INS विक्रमादित्य समेत अपने 60 से ऊपर युद्धपोतों के भारी-भरकम बेड़े को उत्तरी अरब सागर में तैनात कर दिया था। भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान सकते में आ गया था। विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की रिहाई के लिए हुए प्रयासों में ये दवाब बेहद सहायक सिद्ध हुआ था।