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कौन हैं NDA की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन?
महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं

कौन हैं NDA की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन?

लेखन गजेंद्र
Aug 18, 2025
10:53 am

क्या है खबर?

केंद्र में शासित भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार चुन लिया है। रविवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 64 वर्षीय महाराष्ट्र के राज्यपाल चंद्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन (सीपी राधाकृष्णन) को उम्मीदवार घोषित किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा से जुड़े राधाकृष्णनन काफी सौम्य, ईमानदार, सादगीपूर्ण जीवन और शांत माने जाते हैं। आइए, जानते हैं उनका राजनीतिक और निजी जीवन कैसा रहा?

पहचान

OBC समुदाय से आते हैं सीपी राधाकृष्णन

सीपी राधाकृष्णन 20 अक्टूबर, 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में पैदा हुए थे। वे गौंडर-कोंगु वेल्लालर समुदाय से हैं, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से संबंधित हैं। उनके पिता सीके पोन्नुसामी और मां के जानकी अम्मल था। राधाकृष्णन काफी साधारण परिवार से थे। राधाकृष्णन ने तूतीकोरिन के वीओ चिदंबरम कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) में स्नातक किया है। उन्होंने 1984 में आर सुमति से विवाह किया, जिससे उन्हें एक बेटा और बेटी हैं। युवावस्था में राधाकृष्णन खेलकूद में माहिर थे।

राजनीति

16 वर्ष की उम्र में RSS में प्रवेश

राधाकृष्णन मात्र 16 साल की उम्र में RSS में शामिल हो गए थे। इसके बाद वे भारतीय जनसंघ में आ गए और 1974 में तमिलनाडु राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। उनको 1996 में तमिलनाडु भाजपा का राज्य सचिव बनाया गया। वे 2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे और इस दौरान पार्टी का दक्षिण में प्रसार किया। वे 2020 से 2022 तक वे भाजपा के केरल प्रभारी और तमिलनाडु में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहे।

चुनाव

पहले चुनाव में DMK उम्मीदवार को हराया

राधाकृष्णन ने अपने जीवन का पहला चुनाव 1998 में तमिलनाडु के कोयंबटूर लोकसभा क्षेत्र से लड़ा, जहां उन्होंने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के उम्मीदवार केआर सुब्बियन को 1.5 लाख वोटों से हराया। इसके बाद उन्होंने 1999 के लोकसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की। इसके बाद वे लगातार 3 लोकसभा चुनाव 2004, 2014 और 2019 का चुनाव हारे। सांसद रहने के दौरान राधाकृष्णन कई प्रमुख संसदीय समिति में थे। वे स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की विशेष जांच समिति में भी रहे।

राज्यपाल

2023 में बने झारखंड के राज्यपाल

वर्ष 2019 का चुनाव हारने के बाद राधाकृष्णन पार्टी को मजबूत करने में व्यस्त हो गए। उन्हें दक्षिण का जिम्मा सौंपा गया था। वे 2016-2020 तक कोच्चि स्थित अखिल भारतीय कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे और कॉयर निर्यात को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचाया। फरवरी 2023 में राधाकृष्णन झारखंड के राज्यपाल नियुक्त हुए। इसके बाद उन्हें 2024 में तेलंगाना राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार मिला। जुलाई 2024 से वे महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं।

क्षमता

तमिलनाडु में रथ यात्रा निकाली था

वर्ष 2004-2007 तक तमिलनाडु अध्यक्ष रहते राधाकृष्णन ने 93 दिनों तक 19,000 किलोमीटर की रथ यात्रा निकाली थी। इसका उद्देश्य नदियों को जोड़ने, आतंकवाद विरोध, समान नागरिक संहिता, छुआछूत खत्म करने, और नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता फैलाना था। उन्होंने बांधों-नदियों के मुद्दों पर 280 किमी और 230 किमी की 2 पदयात्राएं भी कीं थीं। झारखंड के राज्यपाल रहते उन्होंने 4 महीनों में राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा कर अधिकारियों और जनता से सीधा संवाद किया था।

लोकप्रियता

सभी दलों में उनकी लोकप्रियता, किसी से मनमुटाव नहीं

पिछले कुछ सालों में भाजपा के राज्यपालों को लेकर अक्सर राज्य सरकारों के साथ टकराव और विवाद की खबरें चर्चा का विषय रही हैं, लेकिन राधाकृष्णन इस मामले में अपवाद हैं। वे तेलंगाना में कांग्रेस के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार के समय राज्यपाल थे, लेकिन कभी विवाद की खबर नहीं आई। उनके तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से भी अच्छे संबंध रहे। महाराष्ट्र में भी महाविकास अघाडी ने उन पर कोई सवाल नहीं उठाया।

जानकारी

सर्वपल्ली राधाकृष्णन से प्रभावित होकर मां ने रखा था नाम

सीपी राधाकृष्णन की मां ने उनका नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन से प्रभावित होकर रखा था। उनकी आशा थी कि उनका बेटा भी एक दिन उच्च संवैधानिक पद पर बैठेगा। हालांकि, इसे संयोग ही करेंगे कि वे उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ेंगे।

ट्विटर पोस्ट

वर्ष 2020 में राधाकृष्णन ने RSS में अपनी सेवा को याद किया था