पुलवामा धमाके के पीछे बालाकोट कैंप से आए जैश आतंकी का हाथ- रिपोर्ट
भारतीय खुफिया एजेंसियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के आतंक-रोधी विशेषज्ञों का मानना है कि सोमवार को पुलवामा में सेना के वाहन को निशाना बनाकर किए गए हमले के पीछे आतंकी अब्दुल राशीद गाजी का हाथ हो सकता है। गाजी को इम्प्रूवमाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बनाने में महारत हासिल है और उसने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के कैंप में ट्रेनिंग भी दी है। सोमवार को हुए इस हमले में सेना के दो जवान शहीद हो गए और कई अन्य घायल हुए थे।
सेना ने हमले को बताया था असफल प्रयास
सोमवार शाम को हुए इस हमले में सेना के पेट्रोलिंग वाहन को निशाना बनाया गया था। आतंकियों ने IED लगी कार सड़क के पास खड़ी की थी। जैसे ही सेना का वाहन इसके पास से गुजरने लगा, आतंकियों ने धमाका कर दिया। इस हमले में घायल हुए दो जवानों ने अगले दिन इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। सेना ने इस धमाके को एक 'असफल प्रयास' बताते हुए कहा था कि इसमें कुछ सैनिक घायल हुए हैं।
फिलहाल कश्मीर में सक्रिय है गाजी
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि गाजी पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनवा इलाके से संबंध रखता है और फिलहाल कश्मीर घाटी में जैश-ए-मोहम्मद के स्थानीय आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहा है। सोमवार को हुए हमले का मकसद जैश के सरगना मसूद अजहर के दो रिश्तेदारों- उस्मान हैदर और तल्हा राशीद की मौत का बदला लेना बताया रहा है। भारतीय सेना ने इन दोनों आतंकियों को क्रमशः 2017 और 2018 में ढेर किया था।
विस्फोट बनाने की ट्रेनिंग दे रहा गाजी
रिपोर्ट के मुताबिक, गाजी ने उस्मान हैदर को तैयार कर घाटी में भेजा था, जहां भारतीय सुरक्षाबलों ने उसे मार गिराया। गाजी खुद पिछले साल दिसंबर में तीन अन्य आतंकियों के साथ घाटी में आया था और उसने कुछ अन्य आतंकियों के साथ मिलकर पुलवामा में अपना ठिकाना तैयार किया। फिलहाल वह छिप-छिपकर आतंकी संगठनों के लिए काम करने वाले कश्मीरियों को IED समेत दूसरे विस्फोट तैयार करने की ट्रेनिंग दे रहा है।
हताश होकर IED ब्लास्ट कर रहे आतंकी
विशेषज्ञों का मानना है कि IED धमाकों में आई वृद्धि के पीछे आतंकी संगठनों के काडर का कम होना है। कश्मीर में जैश के लगभग 50 लोग और लश्कर-ए-तैयबा के 30-40 लोग बचे हैं। इस वजह से आतंकी हताशा में वाहनों पर IED लगाकर सड़क किनारे खड़ा कर देते हैं। जम्मू और कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह काम आतंकियों की हताशा और आतंकी संगठन को कैसे भी जिंदा रखने की कोशिश दिखाता है।
पाकिस्तान की चालाकी
वहीं सरकार में बैठे अधिकारियों का मानना है कि भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट में की गई एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान खुद को इन हमलों से दूर ठहराने की कोशिश कर रहा है। इसका एक उदाहरण पुलवामा में सोमवार को हुए हमले से पाकिस्तान की तरफ से ऐसा अलर्ट देेना है, जब इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में किसी ने इस हमले की संभावना जताते हुए जानकारी दी थी। इसके कुछ ही दिन बाद सोमवार को पुलवामा में हमला हो जाता है।