विदेश मंत्रालय की बुकलेट में प्रधानमंत्री मोदी के साथ एमजे अकबर की तस्वीर दिखने पर विवाद
वाराणसी में आयोजित हो रहे प्रवासी भारतीय दिवस में विदेश मंत्रालय की बुकलेट में एमजे अकबर की तस्वीर होने पर विवाद खड़ा हो गया है। कई महिला पत्रकारों और नेताओं ने यौन शोषण के आरोपों के कारण अपना पद छोड़ने वाले अकबर की तस्वीर बुकलेट में छापने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। #MeToo अभियान के समय अकबर पर कई महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके कारण उन्हें विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
विदेश मंत्री के साथ अकबर की तस्वीर
विदेश मंत्रालय की बुकलेट में प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह के साथ अकबर की तस्वीर भी है। 15वें प्रवासी दिवस में इसके बंटने पर कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट करते हुए कहा, '#MeToo के आरोपों में घिरे एक व्यक्ति को स्टार की तरह पेश किया जा रहा है? क्या उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था?' कई महिला पत्रकारों ने भी अकबर की तस्वीर के इस्तेमाल पर नाराजगी जाहिर करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
विदेश मंत्रालय की सफाई
विवाद पर मंत्रालय का कहना है कि अकबर किसी भी तरह से आयोजन से नहीं जुड़े हैं और विवादित बुकलेट उनके मंत्री पद छोड़ने से पहले पिछले साल मई में छपी थी। बुकलेट में पिछले 4 साल में विदेश मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में बताया गया है। इसमें विदेश मंत्रालय के सारे मंत्रियों की तस्वीर है। अंदर अकबर को 'विदेश मंत्रालय टीम' का हिस्सा बताया गया है। मंत्रालय ने इसे बिना वजह का विवाद बताया है।
#MeToo कैंपेन में लगे थे अकबर पर आरोप
भारत में पिछले साल चली #MeToo की आंधी में तब विदेश राज्यमंत्री रहे अकबर पर भी यौन शोषण के आरोप लगे थे। अकबर पर एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने उनके पत्रकारीय जीवन के दौरान यौन शोषण और उत्पीड़न का आरोप लगाया था। आरोपों के चलते अकबर को अक्टूबर में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अकबर कैंपेन के निशाने पर आने वाले सबसे बड़े नामों में से एक थे। वह आरोपों पर खुद को निर्दोंष बताते रहे हैं।