RSS प्रमुख बोले, हिंसा की कुछ घटनाओं को मॉब लिंचिंग बताना देश को बदनाम करना
क्या है खबर?
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग एक पश्चिमी तरीका है और भारत में इसका इस्तेमाल देश और हिंदू समाज को बदनाम करने के लिए हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कई बार तो ऐसी घटनाएं होती भी नहीं हैं, तब भी उन्हें बनाने की कोशिश की जाती है और इनका इस्तेमाल समाज के कुछ वर्गों में डर पैदा करने के लिए किया जाता है।
भाषण
भागवत बोले, किसी अन्य धर्म की कहानी से हुई है लिंचिंग शब्द की उत्पत्ति
भागवत ने ये बातें नागपुर में विजयदशमी के मौके पर 'शस्त्र पूजा' करने के बाद स्वयंसेवकों की संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा, "हिंसा की कुछ घटनाओं को लिंचिंग के तौर पर पेश करने का असल मकसद हमारे देश और हिंदू समाज को बदनाम करना और कुछ समुदायों में भय पैदा करना है। लिंचिंग का भारत से कुछ लेना-देना नहीं है। लिंचिंग अपने आप में एक पश्चिमी तरीक है। इसकी उत्पत्ति किसी अन्य धर्म की एक कहानी से हुई है।"
RSS का कोई संबंध नहीं
RSS और स्वयंसेवकों को किया मॉब लिंचिंग की घटनाओं से अलग
RSS को मॉब लिंचिंग की घटनाओं से अलग करते हुए भागवत ने कहा, "कई बार तो ऐसा भी होता है कि घटना (मॉब लिंचिंग) होती नहीं है लेकिन उसे बनाने की कोशिश की जाती है।
संघ का नाम लिंचिंग की घटनाओं से जोड़ा गया, जबकि संघ के स्वयंसेवकों का ऐसी घटनाओं से कोई संबंध नहीं होता।
लिंचिंग जैसा शब्द भारत का है ही नहीं क्योंकि भारत में ऐसा कुछ होता ही नहीं था।"
भारतीय परंपरा
भागवत बोले, उदारता भारत की परंपरा
उदारता को भारत की परंपरा बताते हुए भागवत ने कहा कि कानून और व्यवस्था की सीमा का उल्लंघन कर हिंसा की प्रवृत्ति समाज में परस्पर संबंधों को नष्ट कर अपनी शक्ति दिखाती है।
उन्होंने कहा, "यह प्रवृत्ति हमारे देश की परंपरा नहीं है, न ही हमारे संविधान में यह फिट बैठती है। कितना भी मतभेद हो, कानून और संविधान की मर्यादा के अंदर ही न्याय व्यवस्था में चलना पड़ेगा। हमारे देश की परंपरा उदारता की है, मिलकर रहने की है।"
बयान
अनुच्छेद 370 पर की मोदी सरकार की तारीफ
भागवत ने अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरकार के फैसले की भी जमकर तारीफ की। इसे एक साहसी फैसला बताते हुए उन्होंने कहा कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए देशहित में जनता की उम्मीदों को पूरा करने की शक्ति मोदी सरकार में है।
मॉब लिंचिंग घटनाएं
पिछले कुछ समय में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में हुआ है इजाफा
बता दें कि पिछले कुछ समय में मॉब लिंचिंग करने की घटनाओं में देशभर में इजाफा हुआ है।
इनमें गोहत्या या गोमांस का सेवन करने के शक में लिंचिंग से लेकर बच्चा चोर होने के शक लिंचिंग की घटनाएं शामिल हैं।
देश को हिला देने वाली मॉब लिंचिंग की पहली घटना 2015 में उत्तर प्रदेश के दादरी गांव में हुई थी, जहां गोहत्या के शक में मोहम्मद अखलाक की उसी के घर में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी।
सोशल मीडिया संबंध
मॉब लिंचिंग की घटनाओं का सोशल मीडिया से गहरा संबंध
इसके बाद गो-तस्करी के शक में पहलू खान और मोटरसाइकिल चोरी करने के शक में तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग ऐसी घटनाएं रहीं जिनकी तरफ पूरे देश का ध्यान गया।
मॉब लिंचिंग की कई घटनाओं, खासकर बच्चा चोरी से जुड़ी घटनाओं, का सोशल मीडिया से गहरा संबंध रहा है।
आमतौर पर पहले सोशल मीडिया पर एक अफवाह शेयर और वायरल की जाती है और इसके आधार पर भीड़ संबंधित व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर देती है।